Move to Jagran APP

फेक न्यूज रोकने में गूगल, फेसबुक, ट्विटर करेंगे चुनाव आयोग की मदद

गूगल, ट्विटर और फेसबुक ने आश्वासन दिया है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान अपने प्लेटफार्म से चुनाव को प्रभावित नहीं होने देंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 06:50 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 07:30 AM (IST)
फेक न्यूज रोकने में गूगल, फेसबुक, ट्विटर करेंगे चुनाव आयोग की मदद
फेक न्यूज रोकने में गूगल, फेसबुक, ट्विटर करेंगे चुनाव आयोग की मदद

नई दिल्ली, प्रेट्र। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया है कि उन्हें इंटरनेट पर बादशाहत रखने वाली गूगल और सोशल मीडिया मुगल ट्विटर और फेसबुक (एफबी) ने आश्वासन दिया है कि वह चुनाव प्रचार के दौरान अपने प्लेटफार्म से चुनाव को प्रभावित नहीं होने देंगे।

loksabha election banner

Related image

बड़े पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरुआत 
मुख्य चुनाव आयुक्त रावत ने रविवार को बताया कि इन कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव के दौरान रोकथाम की अपनी तकनीकों का परीक्षण किया था। यह छोटा सा पायलट प्रोजेक्ट एक शुरुआत थी। लोकसभा चुनाव से पहले चार राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम) में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान अपेक्षाकृत बड़े पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी। इन राज्यों में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत में होने हैं।

कंपनी प्रमुखों से चुनावों में मदद के लिए पूछताछ 
रावत ने बताया कि वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा के नेतृत्व वाली कमेटी ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के क्षेत्रीय और स्थानीय प्रमुखों को बुलाकर पूछा था कि वह भारतीय चुनावों की शुद्धता को बरकरार रखने के लिए क्या कर सकते हैं। वह नहीं चाहते कि फेक न्यूज और मतदाताओं को प्रभावित करने वाली सामग्री सोशल मीडिया के इन मंचों पर प्रसारित हो।

Image result for face News on Google, Facebook and Twitter

गड़बड़ सामग्री को नहीं होने देंगे प्रसारित 
मुख्य चुनाव आयुक्त रावत ने बताया कि सभी कंपनियों ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान इंटरनेट और सोशल मीडिया मंचों पर मतदाताओं को भ्रमित या प्रभावित करने वाली विषय सामग्री को प्रसारित न होने देने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। विशेषकर मतदान से पहले के 48 घंटे अहम होते हैं जब मतदाता को बाहरी किसी व्यक्ति या सामग्री से प्रभावित हुए बगैर खुद से मंथन का समय मिलना चाहिए।

अपने आप आयोग के पास चला जाएगा खर्च का ब्‍योरा 
गूगल का कहना है कि वह अपने यहां एक ऐसी प्रणाली स्थापित करेगा जिससे उनके मंचों या कंपनियों में किए गए अतिरिक्त खर्च का ब्योरा खुद ब खुद चुनाव आयोग के पास चला जाएगा। यानी लाइक्स खरीदने या एकाएक लाखों फालोवर्स बढ़ाने जैसे आरोपों को गहराई से समझा जा सकेगा।

धारा 126 में होंगे बदलाव  
सिन्हा के अधीन कमेटी इस बात पर भी विचार करेगी कि जनप्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 126 में क्या संभावित बदलाव किए जा सकते हैं। इस धारा के तहत टेलीविजन या अन्य ऐसे उपकरण पर चुनाव क्षेत्र में मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव से संबंधित कोई विषय सामग्री प्रसारित करने पर रोक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.