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Children day पर गूगल ने डूडल बनाकर चाचा नेहरू को किया याद

गूगल ने डूडल बनाकर बच्चों को बाल दिवस की बधाई दी और चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 10:09 AM (IST)
Children day पर गूगल ने डूडल बनाकर चाचा नेहरू को किया याद
Children day पर गूगल ने डूडल बनाकर चाचा नेहरू को किया याद

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की याद में मनाए जाने वाले चिल्ड्रेंस डे यानी बाल दिवस के मौके पर गूगल ने खास डूडल बनाया है। गूगल ने डूडल बनाकर बच्चों को बाल दिवस की बधाई दी और चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की है। बनाए गए डूडल में बच्चों की खोजी प्रवृत्ति को दर्शाया गया है। इसमें एक बच्ची टेलिस्कोप की मदद से अंतरिक्ष में देख रही है। जिसे वहां ग्रह, आकाशगंगा और सैटलाइट दिख रहे हैं। गूगल ने अपने डूडल पर बड़े ही शानदार तरीके से ग्रह, चांद, तारे और सैटेलाइट को दिखाया है।

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बता दें कि सबसे खास बात ये है कि इस गूगल डूडल को मुंबई के एक छात्र ने बनाया है जो ‘डूडल 4 गूगल’ प्रतियोगिता के विजेता हैं। इस साल की थीम थी ‘आपको क्या प्रेरित करता है।' इसमें कक्षा एक से 10 तक के देश भर के 75,000 बच्चों ने भाग लिया और इनमें से 55 फीसदी से ज्यादा एंट्री विशाखापत्तनम, भोपाल, जबलपुर, बरेली, कोट्टायम और भुवनेश्वर समेत छोटे शहरों से भेजी गई थी। इस प्रतियोगिता के विजेता पिंगला राहुल ने डूडल के साथ अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ अपना आकर्षण दिखाया।

बाल दिवस सिर्फ भारत में ही नहीं मनाया जाता। यह दुनिया भर में सेलिब्रेट होता है, लेकिन दुनिया के अलग-अलग कोनों में इसे अलग-अलग दिन मनाया जाता है। भारत में इसे सेलिब्रेट करने की तारीख 14 नवंबर नेहरू के जन्मदिन की वजह से ही रखी गई थी।

14 नवंबर को क्या मनाया जाता है बाल दिवस

बता दें कि 14 नवंबर 1889 को ही भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरू' कहकर पुकारते थे। नेहरू बच्चों को देश का भविष्य बताते थे। वे कहते थे कि ये जरूरी है कि बच्चों को प्यार दिया जाए, उनकी देखभल की जाए ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। 27 मई 1964 को नेहरू का निधन हो गया था।

फिर नेहरू के जन्मदिन को याद रखने के लिए 14 नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया। यह निर्णय नेहरू का बच्चों के प्रति लगाव को देखकर ही लिया गया था। बाल दिवस के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं और स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजिक कराए जाते हैं।


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