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फाइलों में सिमट कर रह गया एमएसएमई के लिए बना जीओएम

शुक्ला की अध्यक्षता वाले इस मंत्रिसमूह में पांच राज्यों के वित्त मंत्री भी बतौर सदस्य शामिल थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 08:45 PM (IST)
फाइलों में सिमट कर रह गया एमएसएमई के लिए बना जीओएम
फाइलों में सिमट कर रह गया एमएसएमई के लिए बना जीओएम

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। सरकार भले ही छोटे और मझोले उद्यमों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही हो, लेकिन एमएसएमई की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए बनाया गया जीएसटी काउंसिल का एक मंत्री समूह फाइलों में सिमट कर रह गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता वाले इस जीओएम को दो महीने में रिपोर्ट देनी थी लेकिन उन्होंने अब तक इसकी बैठक बुलाना भी मुनासिब नहीं समझा। इस जीओएम को काउंसिल की तीन समितियों- फिटमेंट कमिटी, लॉ कमिटी और आइटी कमिटी की सिफारिशों पर विचार कर सिफारिशें पेश करनी थीं।

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शुक्ला की अध्यक्षता वाले इस मंत्रिसमूह में पांच राज्यों के वित्त मंत्री भी बतौर सदस्य शामिल थे। तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में चार अगस्त को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मंत्रिसमूह के गठन का फैसला किया गया था। काउंसिल के पास बड़ी तादाद में एमएसएमई ने अपनी शिकायतें और समस्याएं भेजी थीं। उन्हें उम्मीद थी कि जीएसटी के संबंध में उनकी शिकायत दूर हो जाएगी। इसके बाद ही काउंसिल ने 14 अगस्त को यह मंत्रिसमूह गठित कर दिया। मंत्रिसमूह को दो माह के भीतर रिपोर्ट देनी थी लेकिन यह अवधि बीतने के बाद भी एक भी बैठक नहीं की है।

जीओएम की बैठक क्यों नहीं बुलायी गयी इस बारे में आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि एमएसएमई के मुद्दे पर मंत्री समूह के अध्यक्ष के उदासीन रवैये के चलते ऐसा हुआ। इस बारे में शुक्ला की प्रतिक्रिया तो उपलब्ध नहीं हुई लेकिन वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल के सूत्रों ने माना कि अब तक जीओएम की बैठक नहीं हुई है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो नवंबर को एमएसएमई के लिए दर्जनभर घोषणाएं की थीं। साथ ही उन्होंने देश के 100 जिलो में एमएसएमई की सुविधा के लिए विशेष अभियान शुरु करने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह खुद इसकी निगरानी करेंगे। ऐसे में जीएसटी काउंसिल के जीओएम द्वारा एमएसएमई की समस्याओं पर विचार करने के लिए कोई बैठक तक न बुलाना सवाल खड़े करता है। हालांकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम यानी सीबीआइसी ने एमएसएमई के फीडबैक और मदद के लिए चुनिंदा जिलों में जीएसडी हेल्प डेस्क शुरु करने की घोषणा की है।

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