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कोरोना महामारी से पूरी दुनिया में हवाई सेवा को हुआ 390 अरब डॉलर का नुकसान

वैश्विक महामारी कोविड-19 ने पूरी दुनिया को हर क्षेत्र में नुकसान पहुंचाया है। इसकी वजह से विमानन सेवा में 51 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। इस नुकसान ने उभरने में कंपनियों को काफी लंबा समय लग सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 02:32 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 02:32 PM (IST)
कोरोना महामारी से पूरी दुनिया में हवाई सेवा को हुआ 390 अरब डॉलर का नुकसान
कोरोना महामारी की वजह से विमानन कंपनियों को हुआ बड़ा नुकसान

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोविड-19 महामारी का असर पूरी दुनिया और इसके हर सेक्‍टर पर हुआ है। हवाई सेवा भी इससे अछूती नहीं रही है। इस सेक्‍टर को महामारी की वजह से करीब 390 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है। ये जानकारी अंतरराष्‍ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO/International Civil Aviation Organization) के हवाले से सामने आई है। इसका गठन शिकागो कंवेंशन 1944 के बाद हुआ था। ये संगठन पूरी दुनिया में हवाई सेवा का न सिर्फ पूरा लेखा-जोखा रखती है बल्कि इसकी नीतियों को भी तैयार करने में अहम भूमिका निभाती है। अन्तरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस पर सामने आई इस जानकारी में बताया गया है कि महामारी की वजह से विमान में यात्रियों की संख्‍या में करीब 51 फीसद तक की गिरावट आई है।

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आईसीएओ के आंकड़े के मुताबिक विश्‍व के टॉप 15 एयरपोर्ट से जनवरी 2020 के दौरान करीब चार लाख उड़ानें भरी गईं। फरवरी में भारत की राजधानी नई दिल्‍ली से करीब 20831 विमानों ने 3154265 यात्रियों के साथ उड़ानें भरीं। वहीं मार्च में कुल उड़ान जहां 20753 थीं वहीं यात्रियों की संख्‍या 349881 थी। इसके बाद अप्रैल में उड़ान भरने वाले विमानों की कुल संख्‍या जहां 20163 थी, वहीं यात्रा करने वालों की संख्‍या 2996579 थी।

आपको यहां पर बता दें कि दिसंबर 2019 के अंत में कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हो चुकी थी। जनवरी 2020 के अंत में दुनिया के कई देशों में इसका मार्च के माह में भारत समेत ज्‍यादातर देशों में इसके मामले सामने आ चुके थे। मार्च तक इस महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। इसी माह में एक के बाद एक देश ने अपने यहां पर एहतियाती कदम उठाते हुए लॉकडाउन लगाना शुरू कर दिया था। भारत में भी इसी महीने में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था।

आईसीएओ के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2020 में टॉप 15 एयरपोर्ट से भरी जाने वाली उड़ानों में जहां करीब 3 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी वहीं यात्रियों की संख्‍या में भी लगभग इतनी ही तेजी देखने को मिली थी। लेकिन मई 2020 में जहां विमानों की उड़ानों में 15 फीसद से अधिक की कमी दर्ज की गई वहीं वहीं यात्रियों की संख्‍या में ये कमी करीब 49फीसद तक पहुंच गई थी। इसी तरह से अगस्‍त में उड़ानों की संख्‍या में 41 फीसद तो यात्रियों की संख्‍या में 57 फीसद तक की गई देखी गई थी।

इसके बाद कुछ देशों में विमान सेवा को कई एहतियातों के साथ खोला गया था, जिसके चलते न सिर्फ विमानों की उड़ान संख्‍या में तेजी आई बल्कि यात्रियों की संख्‍या भी कुछ बढ़ी। इसके बाद ये अपने पहले मुकाम को हासिल नहीं कर सकी और विमानों की संख्‍या में करीब 29 फीसद तो यात्रियों की संख्‍या में 41 फीसद तक की कमी दर्ज की गई थी। आपको बता दें कि ये सभी आंकड़े दुनिया के टॉप 15 एयरपोर्ट के हैं। इनमें केवल वहीं एयरपोर्ट शामिल किए गए हैं जहां से अधिक संख्‍या में विमानों की आवाजाही किसी एक माह के दौरान रही थी। नवंबर 2020 तक भी भारत का कोई एयरपोर्ट टॉप 15 के अंदर नहीं आ सका था।

विमान सेवा को हुए नुकसान पर एक तरफ जहां विमानन कंपनियां काफी दुखी हैं वहीं संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने भी इस पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त की है। उनका कहना है कि इसको एक बार फिर उसे उबारने की जरूरत है जिसमें हर किसी देश का सहयोग जरूरी होगा। उन्‍होंने कहा है कि इस चुनौती से निपटने के लिए कुछ और उपाय करने होंगे। ऐसा करते हुए जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के बारे में भी सोचना जरूरी होगा।


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