सेना प्रमुख बिपिन रावत ने तेजस से भरी उड़ान, कहा- शानदार विमान सटीक निशाना
सरकारी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बनाए इस स्वदेशी जेट विमान को विगत बुधवार को ही एयर शो में फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस (एफओसी) देकर वायुसेना में शामिल किया गया है।
बेंगलुरु, प्रेट्र/आइएएनएस: 12वें एयरो इंडिया शो का दूसरा दिन बेहद गर्वीला रहा। वायुसेना में एक दिन पहले ही शामिल किए गए स्वदेशी हल्के युद्धक विमान तेजस से सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने उड़ान भरी। साथ ही उन्होंने इस युद्धक विमान को शानदार बताया और कहा कि इससे देश की 'वायु शक्ति' बढ़ेगी।
गुरुवार की दोपहर को येलाहंका एयरबेस पर तेजस के टू-सीटर ट्रेनर विमान में पायलट वायुसेना के उप प्रमुख एयर वाइस मार्शल एन.तिवारी थे जबकि थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बतौर को-पायलट विमान में विराजमान हुए। तीस मिनट की शानदार उड़ान के बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मीडिया को बताया कि यह उनके जीवनकाल का यादगार अनुभव है। एलसीए की उड़ान बेमिसाल रही। हमने सामान्य युक्तियां कीं लेकिन हवा में कलाबाजी नहीं की। उन्होंने बताया कि तेजस की वैमानिकी अच्छी है। एलसीए की टारगेट प्रणाली भी बेहद खास है। तेजस के शामिल होने से वायुसेना को बहुत लाभ होगा।
सरकारी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बनाए इस स्वदेशी जेट विमान को विगत बुधवार को ही एयर शो में फाइनल ऑपरेशन क्लीयरेंस (एफओसी) देकर वायुसेना में शामिल किया गया है। एफओसी मिलने के अर्थ है कि युद्धक विमान मिसाइल क्षमता में स्तरीय है। हवा में ही एक विमान से दूसरे विमान में ईंधन भर लेने में सक्षम है। हवा से जमीन पर सटीक वार कर सकता है।
इस बीच एचएएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस साल के अंत तक 16 और तेजस विमान बनाकर वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे। इसके अलावा, चार अन्य विमान अगले साल बनकर तैयार होंगे। चूंकि एचएएल ने अपने बेंगलुरु परिसर में 1380 करोड़ रुपये का निवेश करके अधिक विमान बनाने की अपनी क्षमता बढ़ा ली है। एचएएल के चेयरमैन आर.माधवन ने एयरो इंडिया शो में बताया कि 16 तेजस विमान वायुसेना को दिए जा चुके हैं। इसका कनफिगरेशन इनीशियल आपरेशन क्लीयरेंस (आइओसी) पर आधारित है। वायुसेना ने सलाह दी है कि दूसरे आर्डर के बीस तेजस विमानों में चार एफओसी कनफिगरेशन में ट्रेनर विमान बनाकर दिए जाएं। जबकि बाकी 16 तेजस विमानों को ऑपरेशनल फ्लीट के लिए तैयार किया जाएगा।