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बच्चों से चोरियां कराने वाले गैंग का पर्दाफाश, शादी के आयोजनों में वारदातों को देते थे अंजाम

शादी तथा अन्य आयोजनों में बच्चों से चोरियां कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। जान‍िये कैसे काम करता था यह गिरोह...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 07:12 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 07:12 PM (IST)
बच्चों से चोरियां कराने वाले गैंग का पर्दाफाश, शादी के आयोजनों में वारदातों को देते थे अंजाम
बच्चों से चोरियां कराने वाले गैंग का पर्दाफाश, शादी के आयोजनों में वारदातों को देते थे अंजाम

ठाणे (महाराष्ट्र), पीटीआइ। शादी तथा अन्य आयोजनों में बच्चों से चोरियां कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में मीरा रोड से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। चोरी को अंजाम देने वाले दस वर्षीय एक बच्चे को भी हिरासत में लिया गया, जिसे कोर्ट के आदेश से भिवंडी रिमांड होम भेज दिया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि तीनों गिरफ्तार आरोपितों की पहचान मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के सारंगपुर तहसील निवासी विक्त्रांत भनेरिया, चंदन सिंह राजपूत तथा आदित्य सिसोदिया के रूप में हुई है।

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नया नगर थाना के वरिष्ठ निरीक्षक कैलास बर्वे ने बताया कि ठाणे ग्रामीण जिला पुलिस ने गुरुवार को तीनों को गिरफ्तार किया। गैंग ने पहले भी कई चोरियां कराई थीं, लेकिन ताजा मामला 12 फरवरी को मीरा रोड स्थित एक मैरिज हॉल का है।

शिकायत के अनुसार, यह बच्चा दुल्हन के कमरे में घुस गया और वहां पड़े एक बैग से पर्स निकाल लिया। दुल्हन के एक रिश्तेदार ने यह देखकर जब बच्चे से पूछताछ की तो उसने बताया कि पर्स उसकी मां का है, लेकिन शक होने पर दुल्हन के रिश्तेदार ने बच्चे से उसकी मां के पास ले चलने को कहा, लेकिन बच्चे के ऐसा नहीं कर पाने पर उन्होंने बच्चे को हॉल के मैनेजर के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। दुल्हन के रिश्तेदार ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

बर्वे ने बताया कि बच्चे से पूछताछ में यह बात सामने आई कि एक गैंग शादी के आयोजनों में चोरी कराने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करता है। चोरी के बाद बच्चों को पैसे दिए जाते हैं। बच्चे से मिली सूचना के आधार पर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि देश के कई हिस्सों में इस प्रकार के गैंग सक्रिय हैं। तीनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 380 (चोरी) तथा 511 (ऐसे अपराध, जिसमें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है) के तहत केस दर्ज किया गया है।


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