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भविष्य की वैश्विक व्यवस्था हिंद प्रशांत क्षेत्र में तय होगी : ईयू परिषद अध्यक्ष

महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) की हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता खुलेपन और स्थिरता को लेकर बड़ी हिस्सेदारी है और यह क्षेत्र के लिए रणनीतिक रुख अपनाने जा रहा है।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:40 PM (IST)
भविष्य की वैश्विक व्यवस्था हिंद प्रशांत क्षेत्र में तय होगी : ईयू परिषद अध्यक्ष
चार्ल्स मिशेल ने रायसीना वार्ता को किया संबोधित

नई दिल्ली, प्रेट्र। यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष चा‌र्ल्स मिशेल ने बताया कि कई अर्थों में भविष्य की वैश्विक व्यवस्था का रास्ता हिंद प्रशांत क्षेत्र में तय होगा क्योंकि यह वैश्विक आर्थिक एवं राजनीति का केंद्र बन गया है। रायसीना वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के साथ यूरोपीय संघ का गठजोड़ क्षेत्र की भू-राजनीतिक रणनीति का मील का पत्थर है और वह इन संबंधों को और विकसित करने को प्रतिबद्ध है। यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष ने कहा, 'यह हमारे साझा हित में है कि दुनिया की चुनौतियों से निपटने में लोकतांत्रिक एवं मुक्त मॉडल सबसे अधिक शक्तिशाली है।'

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महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) की हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, खुलेपन और स्थिरता को लेकर बड़ी हिस्सेदारी है और यह क्षेत्र के लिए रणनीतिक रुख अपनाने जा रहा है। मिशेल ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में यूरोपीय संघ केवल आर्थिक साझेदार ही नहीं है बल्कि यह क्षेत्र की सुरक्षा में भमिका निभाने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'कई अर्थों में भविष्य की वैश्विक व्यवस्था का रास्ता हिन्द प्रशांत क्षेत्र में तय होगा। यह क्षेत्र वैश्विक आर्थिक एवं राजनीति का केंद्र बन गया है और यूरोपीय संघ इससे कारोबार, निवेश और आवागमन के माध्यम से करीबी रूप से जुड़ा हुआ है।'

उन्होंने कहा कि इसकी स्वतंत्रता, खुलेपन और स्थिरता में हमारी बड़ी हिस्सेदारी है । यूरोपीय संघ आपके क्षेत्र को लेकर पहली बार समग्र, रणनीतिक रुख अपनाने जा रहा है। उन्होंने भारत-ईयू संबंधों के बारे में कहा कि दो बड़े लोकतंत्र इस चुनौतीपूर्ण समय में दुनिया को बेहतर, निष्पक्ष एवं सुरक्षित स्थान बनाने में महत्वपूर्ण साझीदार हैं ।

मिशेल ने कहा कि यह हमारे आपसी हित में है कि दो महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के बीच कारोबार और निवेश को लेकर क्षमताओं का अधिकतम उपयोग हो। हम कोविड-19, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग तथा शांति एवं सुरक्षा के चार आयामों पर सहयोग का प्रस्ताव करते हैं। यूरोपीय संघ को भारत का महत्वपूर्ण कारोबारी साझीदार करार देते हुए उन्होंने कहा कि समूह कारोबार, रोजगार तथा वृद्धि की बड़ी संभावनाओं का विकास तैयार है। उन्होंने कहा कि समूह अफगानिस्तान में शांति सुनिश्चित करने तथा म्यामांर में लोकतंत्रिक प्रक्रिया बहाल करने से जुड़ा है।


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