भारतीय रेल के साथ का दायरा सहयोग बढ़ाएगा फ्रांस
रेलवे में फ्रांस का अधिकाधिक सहयोग लेने के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु रेल भवन में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने जा रहे हैं। फ्रांस की यात्रा के दौरान इस बात का आश्वासन उन्होंने फ्रांस की सरकारी रेल कंपनी एसएनसीएफ इंटरनेशनल की सीईओ सुश्री फ्लोरेंस पारले को दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे में फ्रांस का अधिकाधिक सहयोग लेने के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु रेल भवन में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने जा रहे हैं। फ्रांस की यात्रा के दौरान इस बात का आश्वासन उन्होंने फ्रांस की सरकारी रेल कंपनी एसएनसीएफ इंटरनेशनल की सीईओ सुश्री फ्लोरेंस पारले को दिया। एसएनसीएफ ने भारतीय रेलवे के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा प्रकट की है। एसएनसीएफ का एकप्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही भारत का दौरा करेगा।
एनएनसीएफ फिलहाल भारत में दो पायलट रेल परियोजनाओं पर अध्ययन कर रही है। इनमें एक का संबंध दिल्ली-चंडीगढ़ सेमी हाईस्पीड ट्रेन से, जबकि दूसरी का अंबाला, लुधियाना व मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशनों के विकास से है।
इनमें दिल्ली-चंडीगढ़ सेमी हाईस्पीड की रिपोर्ट लगभग तैयार है, जबकि लुधियाना, अंबाला स्टेशनों के विकास की पायलट प्रोजेक्ट पर अध्ययन रिपोर्ट अक्टूबर में आने की उम्मीद है। दिल्ली-चंडीगढ़ सेमी हाईस्पीड प्रोजेक्ट पर अध्ययन के लिए एसएनसीएफ ने अपनी सब्सिडियरी सिस्त्रा को लगाया है। एसएनसीएफ की सीईओ ने अंतरसंसदीय दल के साथ 2-3 जून को भारत आने के संकेत दिए हैं।
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प्रभु पिछले सप्ताह ही फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा से लौटे हैं। इस दौरान उन्होंने फ्रांस के संविधान परिषद के अध्यक्ष लॉरेंत फैबियस तथा रेल राज्यमंत्री एलेन विदालीस से भी मुलाकात की। प्रभु ने पेरिस से रीम्स के बीच चलने वाली हाईस्पीड ट्रेन (टीजीवी) के ड्राइवर केबिन में बैठकर तेज रफ्तार टे्रन के संचालन का भी अनुभव किया।
उन्होंने रीम्स स्टेशन के डिजाइन के साथ रखरखाव प्रक्रिया का अवलोकन भी किया। रीम्स में एसएनसीएफ की प्रमुख जीन फ्रैंकोइस एंतोना ने प्रभु को स्टेशन की विशेषताओं से अवगत कराया। लॉरेंत फैबियस की भारत दौरे की इच्छा को देखते हुए प्रभु ने उन्हें औपचारिक निमंत्रण भेजने का निर्णय लिया है। प्रभु ने रेलवे का नया टाइम टेबल बनाने तथा ट्रेन की प्रत्येक ट्रिप की लागत व मुनाफा निकालने में एसएनसीएफ की मदद मांगी है।
भारत और फ्रांस के बीच रेलवे में सहयोग को इस साल तब मजबूत आधार मिला था जब फ्रांस के राष्ट्रपति होलांदे ने जनवरी में भारत की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल में फ्रांस की यात्रा की थी और कई समझौते किए थे। तभी से फ्रांस और भारत के ढाई दर्जन विशेषज्ञ, डेढ़ दर्जन सप्लायर तथा कुछ बैंक इन रेल परियोजनाओं को अमल में लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
फ्रांसीसी कंपनियों की नजर 400 रेलवे स्टेशनों के विकास तथा नौ सेमी हाईस्पीड गलियारों के विकास में अधिकतम हिस्सा हासिल करने पर है। रेलवे के अलावा एसएनसीएफ भारत में कई मेट्रो रेल परियोजनाओं में भी काम कर रह है। इनमें दिल्ली, अहमदाबाद, बंगलूर, मुंबई तथा हैदराबाद मेट्रो शामिल हैं।