रायपुर के निजी अस्पताल से तीन-तीन लाख में बेचे गए चार नवजात
मामले में अस्पताल संचालिका, महिला दलाल नर्स, एक राजनीतिक दल से जुड़ी महिला व एक कथित समाजसेविका को गिरफ्तार किया गया है।
नई दुनिया, रायपुर। रायपुर के एक निजी अस्पताल से तीन-तीन लाख रुपये में नवजात बेचे जाने का मामला पुलिस ने उजागर किया है। मामले में अस्पताल संचालिका, महिला दलाल नर्स, एक राजनीतिक दल से जुड़ी महिला व एक कथित समाजसेविका को गिरफ्तार किया गया है। नि:संतान बेटे-बहू के लिए दो लाख रुपये में एक बच्चे की खरीद करने में एक सेवानिवृत आइएएस अधिकारी का नाम भी सामने आया है।
रायपुर एसएसपी अमरेश मिश्रा ने बच्चा बेचने वाले गिरोह का बुधवार को भंडाफोड़ किया। उन्होंने मामले में न्यू राजेंद्र नगर रायपुर निवासी नसिंग होम संचालिका महिला डॉक्टर शानू मसीह पत्नी सुरेश (47), टिकरापारा निवासी नर्स व दलाल अनुचित वाडेकर पत्नी विजय (27), शुक्ला गली कोतवाली की आभा मुदलियार (55) और सड्डू की लिली शांति पन्ना पत्नी अनुरंजन (43) को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने अब तक दो से तीन लाख रुपये के हिसाब से चार बच्चों को बेचे जाने की बात स्वीकार कर ली है।
गिरोह की मास्टर माइंड अस्पताल की संचालिका डॉक्टर शानू है। ये लोग प्रेम-प्रसंग या दुष्कर्म में गर्भवती हुई नाबालिग का प्रसव कराते थे। बच्चा जन्म देने वाली नाबालिग के परिजनों को लोकलाज का डर दिखाकर नर्स बच्चे को ठिकाने लगाने का सौदा कर लेती थी।
इसके एवज में वह उनसे प्रसव कराने का पैसा नहीं लेती थी। फिर बाद में उस नवजात को नि:संतान दंपती को बेचने का सौदा किया जाता था। पुलिस बच्चा खरीदने वालों की खोजबीन भी कर रही है।