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291 साल पहले आज बसी थी पहली Plan City, दुनिया के 10 खूबसूरत शहरों में है शामिल

इसे भारत का पेरिस भी कहते हैं। एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती यहीं पर है। यहां इतने पर्यटन स्थल हैं कि उन्हें अंगुलियों पर नहीं गिन सकते। ये भारत का 10वां सबसे आबादी वाला शहर है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 12:27 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 05:36 PM (IST)
291 साल पहले आज बसी थी पहली Plan City, दुनिया के 10 खूबसूरत शहरों में है शामिल
291 साल पहले आज बसी थी पहली Plan City, दुनिया के 10 खूबसूरत शहरों में है शामिल

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। चंडीगढ़, नवी मुंबई, नोएडा व ग्रेटर नोएडा, पंचकुला, गांधीनगर, श्री गंगानगर, भुवनेश्वर, जमशेदपुर, दिल्ली का लुटियन जोन आदि देश की प्लान सिटी (नियोजित शहर) में शुमार हैं। आज देश के कई शहर स्मार्ट सिटी हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत की पहली प्लान सिटी 291 साल पहले आज ही के दिन बसी थी। भारत का ये शहर आज अपने इतिहास, स्थापत्य कला और खूबसूरती के लिए देश व दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में शुमार है। ये शहर दुनिया के 10 सबसे खूबसूरत शहरों में भी शामिल है। एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती मानसरोवर और राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह चिकित्सालय इसी शहर में मौजूद है।

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यहां हम बात कर रहे हैं राजस्थान की पिंक सिटी (गुलाबी शहर) जयपुर की। जी हां, आपको जानकर शायद हैरानी होगी, लेकिन जयपुर देश की पहली प्लान सिटी है। इस शहर की स्थापना आज ही के दिन (18 नवंबर) वर्ष 1727 में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने कराई थी। उन्हीं के नाम से इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। इस शहर के प्रमुख स्थानों को बसाने में तकरीबन चार वर्ष का समय लगा था। प्लान सिटी के साथ बेहद खूबसूरत ये शहर आमेर के तौर पर प्राचीन रजवाड़ों के समय से राज्य की राजधानी रहा है।

महाराजा जयसिंह द्वितीय ने इस शहर का डिजाइन बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य से करवाया था। वह आमेर दरबार की कचहरी-मुस्तफी में नायब-दरोगा (लेखा-लिपिक) थे, लेकिन उनकी वास्तुकला में काफी दिलचस्पी थी। उनकी योग्यता से प्रभावित होकर ही महाराजा जयसिंह ने उन्हें अपनी नई राजधानी का नगर नियोजक बनाया था। इस शहर को बसाते समय यहां पर वर्षा जल-संचयन और बारिश के निकासी का विशेष तौर पर इंतजाम किया गया था, जो आज भी आधुनिक भारत के ज्यादातर शहरों में देखने को नहीं मिलता।

142 साल पहले ऐसे पड़ा पिंक सिटी का नाम
ये शहर तीन तरफ से अरावली के पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। जयपुर की पहचान यहां के खूबसूरत ऐतिहासिक महल और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थर हैं। वर्ष 1876 में यहां के महाराजा सवाई रामसिंह ने इंग्लैड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजवा दिया था। तभी से ये शहर पिंक सिटी (गुलाबी शहर) के नाम से भी पुकारा जाने लगा। इस शहर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है।

इंडियन गोल्डन ट्रायंगल में शामिल है जयपुर
वर्ष 2011 की जनगणना में जयपुर देश का 10वां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर बन चुका है। ये शहर इतना खूबसूरत है कि इसे भारतीय पर्यटन के लिए बने इंडियन गोल्डन ट्रायंगल में शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली, आगरा व जयपुर शहर शामिल हैं। भारत के नक्शे पर इन तीनों शहरों की लोकेशन त्रिभुज के आकार में है। इसलिए इस टूरिस्ट सर्किट को गोल्डन ट्रायंगल नाम दिया गया है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महाराजा जयसिंह ने इस शहर को बसाते वक्त सुरक्षा का प्रमुख ध्यान रखा था। यही वजह है कि जयपुर शहर चारों तरफ से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है। स्थापना के वक्त इस शहर में प्रवेश के लिए सात दरवाजे थे, जिनकी संख्या अब आठ हो चुकी है। न्यू गेट सबसे बाद में बना है। ये पूरा शहर चौड़ी (मुख्य) सड़कों के जरिए छह हिस्सों में विभाजित है। इस शहर के नौ खंड हैं, जिन्हें चौकड़ी कहा जाता है। इसमें से दो में केवल राजकीय इमारतें और राजमहल बनाए गए थे।

ये है जयपुर के बनने की कहानी
इतिहासकारों के अनुसार 17वीं शताब्दी में जब मुगलिया शासक कमजोर होने लगे, तो पूरे भारत में अराजकता फैलने लगी थी। ऐसे में राजपूतों की आमेर रियासत बड़ी ताकत के रूप में उभरी। तब महाराज सवाई जयसिंह को अपनी लंबी-चौड़ी रियासत संभालने और उसका राजकाज चलाने के लिए आमेर छोटा लगने लगा था। आमेर में बढ़ती आबादी और पानी की समस्या पैदा होने लगी थी। लिहाजा उन्होंने नई राजधानी के तौर पर जयपुर शहर की कल्पना की। कुछ इतहासकारों की राय है कि इस शहर की नींव तालकटोरा के करीब शिकार की होदी से रखी गई। वहीं कुछ इतिहासकार इस शहर के बसने की शुरूआत ब्रह्मपुरी तो कुछ आमेर के पास स्थित यज्ञयूप स्थल से मानते हैं। जयपुर शहर बसने के बाद यहां सबसे पहले चन्द्रमहल बना।

जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल
जयपुर में जलमहल, जंतर-मंतर, सरगासूली मीनार, गैटोर, आमेर का किला, जयगढ़ दुर्ग, नाहरगढ़ का किला, हवामहल, सिटी पैलेस, गोविंद देवजी का मंदिर, श्री लक्ष्मी जगदीश महाराज मंदिर, शीला माता मंदिर, बीएम बिडला तारामंडल, गलताजी, जैन मंदिर, मोती डूंगरी, स्टैच्यू सर्किल, शाही शमसान घाट, रामगढ़ झील, रामनिवास बाग और गुड़िया घर यहां की वास्तुशिल्प के बेजोड़ नमूने हैं। जयपुर के बाजारों में आपको हथकरघा उत्पाद, बहुमूल्य पत्थर, वनस्पति रंगों से बने वस्त्र, मीनाकारी आभूषण, पीतल का सजावटी सामान, राजस्थानी चित्रकला के नमूने, नागरा-मोजरी जूतियां, ब्लू पॉटरी, हाथी दांत के हस्तशिल्प और सफेद संगमरमर की नायाब मूर्तियां मिलेंगी। जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और एमआई रोड के बाजार यहां के मुख्य आकर्षण हैं।

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