सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने संभाला NHRC के नए अध्यक्ष का कार्यभार
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी गई। पीएम की अध्यक्षता वाली समिति में गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शामिल थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी या NHRC) के अध्यक्ष के रूप में आज अपना पदभार संभाला। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी थी। NHRC के अध्यक्ष का पद पिछले छह महीने से खाली था।
Justice Arun Kumar Mishra (Retd) takes over as the Chairman of the National Human Rights Commission pic.twitter.com/4D1JRAqQQD
— ANI (@ANI) June 2, 2021
जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस महेश कुमार मित्तल और आईबी के पूर्व निदेशक डॉ राजीव जैन को एनएचआरसी का सदस्य बनाया गया है। पीएम की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति में गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश शामिल थे।
कौन हैं जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ?
मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने विज्ञान में एमए की डिग्री लेने के बाद क़ानून की पढ़ाई की। उनके परिवार में वकालत पहले से है। उनके पिता हरगोविंद मिश्रा जबलपुर हाई कोर्ट के जज थे, जबकि उनके परिवार में कई रिश्तेदार नामी वकील हैं। उनकी बेटी भी दिल्ली हाई कोर्ट की वकील हैं। लगभग 21 सालों तक वकालत करते रहने के बावजूद उन्होंने क़ानून पढ़ाने का काम भी किया और मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़े रहे।
एक नजर जस्टिस अरुण मिश्रा के करियर पर
जस्टिस अरुण मिश्रा को सबसे पहले वर्ष 1999 में उन्हें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया
फिर जब उनकी नियुक्ति परमानेंट हुई, तो वर्ष 2010 में उनका तबादला राजस्थान हाई कोर्ट में कर दिया गया
साल 2012 में उन्हें कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन गए थे
सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति लंबित रही, साल 2014 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया।
सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने जाने-माने वकील प्रशांत भूषण को न्यायालय की अवमानना मामले में दोषी ठहराते हुए उन पर एक रुपए का जुर्माना लगाया।
इस तीन सदस्यीय खंडपीठ की अध्यक्षता जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा कर रहे थे, जबकि इसमें जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी भी शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस अरुण मिश्रा 2 सितंबर 2020 को रिटायर हुए थे।