असम: वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ा, गुवाहाटी चिड़ियाघर में भेजा गया; हमले में बच्चे की मौत
मालीगांव इलाके में तेंदुए द्वारा एक बच्चे को घायल करने के बाद दहशत फैल हई है। बता दें कि तेंदुए द्वारा हमले में बच्चे की मौत हो गई है।
गुवाहाटी, एएनआइ। गुवाहाटी शहर मालीगांव इलाके में बुधवार रात एक मानव आवास के पास वन विभाग के अधिकारियों ने एक तेंदुए को पकड़ लिया। मालीगांव इलाके में तेंदुए द्वारा एक बच्चे को घायल करने के बाद दहशत फैल हई है। बता दें कि तेंदुए द्वारा हमले में बच्चे की मौत हो गई है। बाद में तेंदुए को असम राज्य चिड़ियाघर के बचाव केंद्र में लाया गया।
कामरूप ईस्ट डिवीजन (गुवाहाटी रेंज) के पंकज कलिता वन विभाग के रेंजर ने बताया कि इस हमले में एक लड़का घायल हो गया, जिसकी बाद में मौत हो गई। उन्होने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए उनकी टीम ने एक जाल बिछाया और उसे पकड़ लिया।
तेंदुए के बारे में रोचक जानकारी
तेंदुआ मूल रूप से अफ़्रीका और दक्षिण एशिया में पाया जाना वाला स्तनधारी जीव है। संसार की 37 वन्य बिल्ली जातियों में से वन्य बिड़ाल के रूप में तेंदुए जाना जाता है। तेंदुए बहुत ही चालाक, रहस्यमयी, मौक़ापरस्त और फुर्तीला रात्रिचर परभक्षी है जो छोटे वन्य जीवों और पालतू पशुओं का शिकार करता है।
चूंकि उसके आहार बनने वाले जीव गांवो और कस्बों के बाहरी इलाकों में अधिक पाए जाते हैं, वह भी गांवों और कस्बों के इर्द-गिर्द मंडराता रहता है। वह अपने शिकार को मुंह में दबाए आसानी से पेड़ पर चढ़ सकता है। उसकी दृष्टि और सुनने की शक्ति बहुत ही अच्छी होती है।
12 से 16 तेंदुए की होती आयु
प्रत्येक तेंदुए का अपना अलग क्षेत्र होता है। तेंदुआ लगभग 3 साल का होने पर प्रजनन करने योग्य बन पाता है।सामान्यतः एक बार में दो शावक पैदा होते हैं। इनका गर्भाधान काल 94 से 98 दिनों का होता है। छोटे हिरण, गीदड़, बंदर, कुत्ते, भेड़ और छोटे मवेशी कान्हा के तेंदुओं की उदरपूर्ति के साधन बनते हैं। तेंदुए की आयु लगभग 12-16 वर्ष की होती है। तेंदुए रहस्यमयी जीव होते हैं जो विरले ही दिखते हैं।