आगरा समेत देश के 18 शहरों में विकसित किए जाएंगे 'वन क्षेत्र', प्रदूषण से बचाने के लिए जानें सरकार की योजना
देश के प्रमुख शहरों में कंक्रीट के जंगल के साथ अब हरे-भरे वन क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे। पर्यावरण मंत्रालय ने पहले चरण में आगरा भोपाल सहित देश के बारह राज्यों के 18 शहरों में सिटी फारेस्ट को विकसित करने की योजना को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रहे देश के प्रमुख शहरों में कंक्रीट के जंगल के साथ अब हरे-भरे वन क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे। पर्यावरण मंत्रालय ने पहले चरण में आगरा, भोपाल सहित देश के बारह राज्यों के 18 शहरों में सिटी फारेस्ट को विकसित करने की योजना को मंजूरी दी है। सिटी फारेस्ट कम से कम 10 हेक्टेयर और अधिकतम 50 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किए जाएंगे। इनके विकास के लिए सभी शहरों को दो करोड़ रुपये की मदद भी दी जाएगी। जो बाड़ लगाने सहित पौधों के रख-रखाव और प्रशासनिक लागत आदि पर खर्च होगा।
दो सौ वन क्षेत्र विकसित करने की योजना
पर्यावरण मंत्रालय ने वर्ष 2024 तक सभी प्रमुख शहरों में ऐसे दो सौ वन क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई है। इस पर 415 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्रालय ने पिछले साल इसकी घोषणा के साथ ही सभी राज्यों से इस संबंध में प्रस्ताव भी मांगे थे। ज्यादातर शहरों ने इस योजना में रूचि दिखाई थी, लेकिन तय मानकों के तहत इनके पास भूमि उपलब्ध न होने के चलते पहले चरण में सिर्फ 18 शहरों के ही प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल सकी है।
अवैध कब्जे से बचाई जा सकेगी सरकारी जमीन
माना जा रहा है कि इससे जहां वन क्षेत्रों में बढ़ोतरी होगी, वहीं खाली पड़ी सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से भी बचाया जा सकेगा। साथ ही शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ और सुंदर पर्यावरण भी मिलेगा।
कई राज्यों ने की थी मानकों में कटौती की मांग
सिटी फारेस्ट के विकास के लिए तय किए गए जमीन के मानक को कम करने के लिए उत्तराखंड, तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने केंद्र से मांग भी की थी। लेकिन मंत्रालय का मानना है कि बड़े शहरों में पर्याप्त जमीन नहीं मिलती है, तो दूसरे छोटे शहरों को इसके लिए मौका दिया जाना चाहिए।
पहले चरण में शामिल शहर
पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में संसद को बताया था कि किन-किन शहरों में पहले चरण में वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इनमें आगरा, भोपाल, ग्वालियर, गया, रांची, हरिद्वार, देहरादून, पठानकोट, तुमकुर, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, संबलपुर, कोटा, नागपुर, यवतमल, चेन्नई, सूरत और गांधीनगर शामिल हैं।