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विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तान को चेताया, गिलगित-बाल्टिस्तान में तोड़े जा रहे बौद्ध स्मारक

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गिलगित-बाल्टिस्तान में बहुमूल्‍य भारतीय बौद्ध स्थल के अपमान और तोड़फोड़ घटना पर पाकिस्‍तान को कड़ी चेतावनी दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 02:39 AM (IST)
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तान को चेताया, गिलगित-बाल्टिस्तान में तोड़े जा रहे बौद्ध स्मारक
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्‍तान को चेताया, गिलगित-बाल्टिस्तान में तोड़े जा रहे बौद्ध स्मारक

नई दिल्‍ली, एएनआइ। पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में प्राचीन बौद्ध शिला के विध्वंस की खबरों पर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की है। भारत का कहना है कि प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत के प्रति तिरस्कार का ऐसा कट्टर कृत्य बेहद निंदनीय है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान से अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहा है। साथ ही कहा है कि पाकिस्तान वहां रह रहे लोगों के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बंद करे। 

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'यह गंभीर चिंता का विषय है कि बौद्ध निशानियों को नष्ट किया जा रहा है और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में धार्मिक-सांस्कृतिक अधिकारों व आजादी को जबरन कुचला जा रहा है।' अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस अमूल्य पुरातात्विक धरोहर के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए भारत तुरंत वहां अपने विशेषज्ञ भेजने की मांग करता है। बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान के चिलास क्षेत्र में नष्ट की हुई बौद्ध शिला मिली है। ऑनलाइन प्रसारित हो रही तस्वीरों के मुताबिक उस पर नारे और पाकिस्तानी झंडा पेंट कर दिया गया है।

अभी कुछ ही दिन हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में कार्यवाहक सरकार के गठन का निर्देश दिया था। इससे पहले पाकिस्‍तानी सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को संघीय सरकार को क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए 2018 के एक प्रशासनिक आदेश में संशोधन करने की मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की मंजूरी देने के बाद भारत ने पाकिस्‍तान की नापाक कोशिशों के लिए कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

पाकिस्तान ने चीन संचालित फर्म के संयुक्त उद्यम के तहत डायमर-भाषा बांध (diamer bhasha dam) के निर्माण के लिए 442 अरब रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था। भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में बांध बनाने के लिए पाकिस्तान द्वारा मेगा कांट्रैक्ट दिए जाने पर भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में ऐसी परियोजना को अंजाम देना उचित नहीं है। भारत ने साफ तौर पर यह कहा था कि गिलगिट-बाल्टिस्तान के इलाकों समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा हैं। 


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