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विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, भारत और चीन पर दुनिया का काफी कुछ करता है निर्भर

एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि हम चीन के पड़ोसी हैं। चीन दुनिया में पहले से ही दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 11:30 PM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, भारत और चीन पर दुनिया का काफी कुछ करता है निर्भर
विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, भारत और चीन पर दुनिया का काफी कुछ करता है निर्भर

नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को इंडिया ऐट 75 शिखर सम्मेलन (India @75 Summit - Mission 2022)  में कहा कि आकार और प्रभाव को देखते हुए भारत और चीन पर दुनिया का काफी कुछ निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों का भविष्य किसी तरह की समतुल्यता या समझ पर पहुंचने पर ही निर्भर करता है। सीआइआइ शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के दौरान जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच समस्याएं हैं जो अच्छी तरह परिभाषित हैं।

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एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि हम चीन के पड़ोसी हैं। चीन दुनिया में पहले से ही दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम एक दिन तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। आप तर्क कर सकते हैं कि कब बनेंगे। हम जनसांख्यिकीय रूप से काफी अनूठे देश हैं। हम केवल दो देश हैं जहां की आबादी एक अरब से अधिक हैं।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान आतंकवाद और ग्लोबलाइजशेन के मुद्दे पर भी खुलकर बात की। समिट में उन्होंने कहा कि मैं आपसे ग्लोबलाइजेशन की एक अलग परिभाषा को देखने के लिए कहूंगा, यह वैश्विक मुद्दे हैं जिनसे कोई बच नहीं सकता है। जलवायु परिवर्तन, महामारी और तेजी से पलायन ये अहम मुद्दे हैं। मुझे लगता है आतंकवाद से कोई बच नहीं सकता है। मेरे लिए वास्तव में यही ग्लोबलाइजेशन है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अलग-अलग देश दूसरे देशों पर ज्यादा निर्भरता से असहज हैं। 21वीं सदी वैसी थी, जिसमें ग्लोबलाइजेशन की जरूरत थी। लेकिन हम पिछले पांच साल या उससे ज्यादा वक्त से कह रहे हैं कि देश अपने जीवन पर नियंत्रण करना चाहते हैं। समिट में उन्होंने कहा कि कई सारे देश और राजनीतिक विचारक आज के वक्त में मेरिट और वैल्यू को पहले से ज्यादा स्वायत्ता से देखते हैं। इसका एक बड़ा कारण है कि ग्लोबलाइजेशन न्यायपूर्ण नहीं रहा है।

भारत और अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हुई बात

वहीं, दूसरी ओर शुक्रवार को जयशंकर एवं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने क्षेत्रीय और अंतररार्ष्ट्रीय मुद्दों पर पूर्ण सहयोग जारी रखने पर अपनी सहमति जताई। दोनों नेताओं ने इस वर्ष के अंत में अमेरिका-भारत 2 + 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए सहयोग करने पर भी अपनी सहमति व्यक्त की। बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तंत्र को मंजूरी दिए जाने के बाद सितंबर 2018 में पहली 2 + 2 वार्ता नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।


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