स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए रेलवे अप्रैल-मई तक तैयारी करेगा 1.30 लाख कवरऑल पीपीई सूट
कोरोना वायरस से निपटने के प्रयासों के तहत रेलवे अप्रैल और मई महीनों के दौरान कुल मिलाकर 1 लाख 30 हजार कवरऑल पीपीई सूट तैयार करेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना से निपटने के प्रयासों के तहत रेलवे अप्रैल और मई महीनों के दौरान कुल मिलाकर 1 लाख 30 हजार कवरऑल पीपीई सूट तैयार करेगा। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार इनमें से 30 हजार कवरऑल पीपीई सूट अप्रैल में, जबकि 1 लाख सूट मई में तैयार करने का प्रस्ताव है। रेलवे की उत्पादन इकाइयों, कार्यशालाओं तथा फील्ड यूनिटों ने युद्ध स्तर पर इसकी तैयारियों के साथ उत्पादन शुरू कर दिया है। इन कवरऑल पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट सूट के डिजाइन को सरकार का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ग्वालियर स्थित अपनी प्रयोगशाला में परीक्षण के आधार पर पहले ही मंजूरी दे चुका है।
रेलवे की जगाधरी वर्कशॉप ने शुरू किया पीपीई किट बनाने का काम
रेलवे के डॉक्टर, मेडिकल पेशेवर तथा स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 महामारी से लड़ाई में आगे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। इन लोगों को कोरोना का संक्रमण न हो तथा ये निश्चित होकर कोराना मरीजों की सेवा और देखभाल कर सकें इसके लिए इनका स्वयं सुरक्षित रहना जरूरी है। इसी जरूरत को ध्यान में रखकर रेलवे ने खुद एक लाख 30 हजार कवरऑल सूट तैयार करने का बीड़ा उठाया है। कवरऑल पीपीई सूट कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। सबसे पहले कवरऑल सूट तैयार करने का काम रेलवे की जगाधरी वर्कशॉप ने शुरू किया था। इसके बाद रेलवे के 17 जोनो में स्थित इकाइयों में भी इनके निर्माण का फैसला किया गया।
मास्क और सैनिटाइजर भी तैयार किए
उधर, मध्य रेल द्वारा 55 हजार 263 मास्क और छह हजार 408 लीटर सैनिटाइजर तैयार किए जा चुके हैं। छिड़काव के लिए आठ हजार 463 लीटर कीटनाशक भी बना लिए गए हैं। पूरे देश में आवश्यक सामग्रियों की कमी न हो, इसके लिए रेलवे की मालगाड़ियां और विशेष पार्सल ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए रेलकर्मी निरंतर कार्यरत हैं।