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जम्मू-कश्मीर में पहली बार भ्रष्ट अधिकारियों पर कसा शिकंजा, 50 अधिकारी निलंबित

अनुच्छेद 370 की आड़ में अभी तक बच निकलने वाले जम्मू-कश्मीर के भ्रष्ट अधिकारियों पर अब कानून का शिकंजा कसने लगा है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार मामलों की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का गठन किया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 07:31 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 07:31 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में पहली बार भ्रष्ट अधिकारियों पर कसा शिकंजा, 50 अधिकारी निलंबित
भ्रष्टाचार के पांच मामले में सीबीआइ जांच शुरू, 42 में नियमित विभागीय कार्रवाई चालू।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 की आड़ में अभी तक बच निकलने वाले जम्मू-कश्मीर के भ्रष्ट अधिकारियों पर अब कानून का शिकंजा कसने लगा है। हालात यह है कि पिछले तीन महीने में चार दर्जन से अधिक अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और पांच मामलों में सीबीआइ की जांच शुरू हो गई है।

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42 में नियमित विभागीय कार्रवाई चालू

42 मामलों में नियमित विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। सोमवार को सीबीआइ ने राजस्व विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआइआर दर्ज की है।

भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का गठन

जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार मामलों की जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता तंत्र तैयार हो रहा है। इसके तहत पहली बार भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का गठन किया गया है, जहां बड़े-बड़े अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही जिला स्तर पर विजलेंस विभाग को मजबूत किया गया है। यहां पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों की जांच शुरू हुई है। प्रशासन ने आरोपी अधिकारियों को निलंबित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो-टालरेंस का साफ संदेश दिया है।

भ्रष्टाचार के आरोपों में 50 अधिकारी निलंबित

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार के 20 मामलों में प्रशासन ने चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दे दी है। भ्रष्टाचार के आरोपों में जिन 50 अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें उद्योग व वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव मोहम्मद मुजीब उर रहमान, एससी-एसटी व ओबीसी कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक भारत भूषण, कोआपरेटिव सोसाइटीज के डिप्टी रजिस्ट्रार आशिक हुसैन के नाम शामिल हैं।

पांच मामले में सीबीआइ जांच शुरू, 42 में नियमित विभागीय कार्रवाई चालू

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रशासन में भ्रष्टाचार के जटिल मामलों की जांच तत्काल सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया है। पिछले तीन महीने में पांच ऐसे केस सीबीआइ को सौंपे जा चुके हैं। जिनमें तीन मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को एफआइआर दर्ज कर जांच शुरु की है। तीनों ही मामले राजस्व विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ हैं, जिनपर नियमों के खिलाफ जाकर सरकार जमीन को निजी लोगों को सौंपने का आरोप है। घोटाले में शामिल अधिकारियों की पहचान करने की जिम्मेदारी सीबीआइ है। उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देने में केंद्र शासित प्रशासन कोई देर नहीं लगाएगी।

अधिकारियों को स्पैरो पोर्टल पर सालाना परफोर्मेंस रिपोर्ट ऑनलाइन भरना अनिवार्य

जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की तर्ज पर केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के लिए भी स्पैरो पोर्टल तैयार किया गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने चार सितंबर को इस पोर्टल को लांच किया था। जम्मू-कश्मीर के सभी अधिकारियों को इस पोर्टल पर अपनी सालाना परफोर्मेंस रिपोर्ट ऑनलाइन भरना अनिवार्य बना दिया गया है। 


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