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बेहतर स्वास्थ्य के लिए आहार व व्यायाम ही नहीं, पर्याप्त नींद का लेना भी है जरूरी...

मिलन सिन्हा ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण ने हमें खान-पान व सेहत के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया है जिससे मजबूत बनती है इम्युनिटी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 03:05 PM (IST)
बेहतर स्वास्थ्य के लिए आहार व व्यायाम ही नहीं, पर्याप्त नींद का लेना भी है जरूरी...
बेहतर स्वास्थ्य के लिए आहार व व्यायाम ही नहीं, पर्याप्त नींद का लेना भी है जरूरी...

नई दिल्ली, जेएनएन। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में वायरस के संक्रमण से इम्युनिटी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा चर्चा के केंद्र में है। इस समय इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कई तरीके बताए जा रहे हैं और लोगों द्वारा अपनाए भी जा रहे हैं जिससे कि कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके। रोचक बात यह है कि इम्युनिटी बूस्टर के नाम से इस समय बाजार में तरह-तरह के औषधीय उत्पाद बिक रहे हैं। पहले भी ऐसी औषधियां बिना किसी विज्ञापन के उपलब्ध थीं। जानें क्‍या कहते है वेलनेस कंसलटेंट एंड मोटिवेशनल स्पीकर के मिलन सिन्हा

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चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नागरिकों को सेहतमंद बने रहने और रोगों के संक्रमण से बचने के लिए मजबूत इम्युनिटी की अहमियत अच्छी तरह मालूम है। यकीनन इसमें जीवनशैली से जुड़ी कई बातों का योगदान होता है, जिसमें नींद की बड़ी भूमिका है। नींद का सरल अर्थ है, रात में अच्छी तरह सोना, जिससे कि सुबह उठने पर आप अच्छा और तरोताजा महसूस करें।

मजबूत बनाएं इम्युनिटी

  • सोने से पहले कोई मोटिवेशनल या आध्यात्मिक किताब पढ़ें
  • रात का खाना सोने से कम से कम एक घंटा पहले जरूर खा लें
  • रात का खाना हल्का और सुपाच्य रखें और सुकून से बैठकर खाएं
  • सोने से घंटे भर पहले मोबाइल- लैपटॉप-टीवी आदि से दूरी बना लें
  • सोने से पहले चाय, कॉफी, शराब, सिगरेट, गुटखा आदि के सेवन से बचें
  • सकारात्मक सोच, संतुलित खानपान और शारीरिक सक्रियता बहुत आवश्यक है
  • दिन में ज्यादा देर तक न सोएं, नींद का छोटा डोज यानी स्माल नैप अच्छा है
  • शरीर को बराबर हाइड्रेटेड व ऑक्सीजिनेटेड अर्थात जल और ऑक्सीजन युक्त रखें
  • सोने से पहले दूध में हल्दी, शहद व दालचीनी मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है
  • दिनभर के रूटीन में रात की नींद के लिए कम-से-कम सात घंटे का समय सुनिश्चित करें
  • रात में 10 से 11 बजे के बीच सोने की और सुबह 6 बजे से पहले उठने की आदत बनाएं
  • वॉकिंग, व्यायाम, योगासन, प्राणायाम और ध्यान को दिनचर्या में विशेष रूप से शामिल करें

सेहत की सबसे अच्छी दवा: नींद के दौरान शरीर रूपी इस जटिल लेकिन अदभुत मशीन की रोजाना सफाई, रिपेयरिंग और रिचार्जिंग हो जाती है। दिनभर की शारीरिक- मानसिक थकान रात की अच्छी नींद से काफूर हो जाती है और हमारी सुबह पुन: भरपूर ऊर्जा, उत्साह व उमंग से भरी होती है।

आलस्य व तनाव का कारण अपर्याप्त नींद: आधुनिक जीवनशैली व तकनीक आधारित कार्यशैली के समेकित प्रभाव ने नींद को दुष्प्रभावित किया है। देर रात तक मोबाइल- लैपटॉप आदि पर व्यस्त रहना और सुबह देर तक सोना या चार-पांच घंटे की नींद के बाद ही किसी कारणवश जल्दी उठने की बाध्यता, आज अधिसंख्य लोगों, खासकर कामकाजी युवाओं एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों की दिनचर्या हो गई है। इस तरह की जीवनशैली व कार्यशैली के कारण बड़ी संख्या में लोग कई प्रकार के स्लीप डिसऑर्डर से परेशान रहते हैं। ऐसे लोग कई बार 7-8 घंटे तक सोने के बाद भी सुबह आलस्य, तनाव व थकान महसूस करते हैं। पर्याप्त नींद के अभाव में नींद का बकाया परेशानी का कारण बनता है। स्वास्थ्य के लिहाज से इसके अनेक दुष्प्रभाव हैं, जिसमें हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव भी शामिल है।

कई बीमारियों का है कारण: नींद के मामले में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। कई शोधों व सर्वेक्षणों से यह साबित हो चुका है कि अपर्याप्त और अनियमित नींद से जुड़ी समस्याओं से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो रहे हैं। नींद लेना चाहें और नींद ले न पाएं, वास्तव में यह विकट समस्या है। इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग तो नियमित रूप से शराब या नींद की गोली का सेवन करते हैं, जिससे उन्हें फौरी तौर पर लाभ मिलता है, लेकिन यह आदत कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर देती है।


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