मध्य प्रदेश : बरगी, बारना व तवा बांधों के गेट खुलने से होशंगाबाद में बाढ़ के हालात
होशंगाबाद में गुरुवार की रात में 54 मिमी यानी 2.2 इंच बारिश हुई है। इससे निचली बस्तियों में पानी भर गया है।
होशंगाबाद, जागरण संवाददाता। जिले के तवा बांध, रायसेन के बारना और जबलपुर के बरगी बांध के गेट खुलने से नर्मदा का जलस्तर बढ़ने के कारण होशंगाबाद में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रशासन ने नर्मदा किनारे के 48 गांवों के लीगों को सचेत कर दिया है। सभी स्थानों पर सुरक्षा की व्यवस्था बना दी है। राहत केंद्र बना दिए गए हैं। होशंगाबाद में गुरुवार की रात में 54 मिमी यानी 2.2 इंच बारिश हुई है। इससे निचली बस्तियों में पानी भर गया है। तवा बांध का जलस्तर दोपहर 12 बजे 1164 फीट है। जो कि कुल भराव क्षमता से 2 फीट कम है।
तवा के गेट गुरुवार की रात में इसलिए खोले हैं कि 6 घंटे में पानी होशंगाबाद से निकल जाएगा। क्योंकि 8 घन्टे बाद बारना बांध का पानी आएगा और 12 घन्टे बाद बरगी का पानी होशंगाबाद आएगा। यदि एक साथ सभी बांधों के गेट खुले रहे तो बाढ़ की स्थिति भयावह हो जाएगी। इसलिए अलग अलग बांधों का पानी नर्मदा से निकाला जा रहा। कलेक्टर धनंजय सिंह, एडीएम जीपी माली जिले के अलावा रायसेन व जबलपुर के अधिकारियों से भी संपर्क बनाए हुए हैं। होमगार्ड के 105 जवानों को सुरक्षा साधनों के साथ अलग अलग स्थानों पर तैनात कर दिया गया है।
मोखरा गांव में आम जन-जीवन हुआ प्रभावित
छतरपुर के मोखरा गांव में आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां, बारिश के कारण सिंहपुर बैराज के जल स्तर में वृद्धि की वजह से क्षेत्र में गंभीर जल-जमाव का लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर पड़ रहा है।
बाढ़ के पानी ने न केवल खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि स्थानीय लोगों के घरों में भी पानी भर गया है, जिस वजह से, वे अपने घरों के बाहर या अपनी छतों पर रहने को मजबूर हैं।
वहीं, नेवन नदी के उफान पर आने से नेवन नदी के किनारे बसे करीब आधा दर्जन गांव के आसपास बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। गांव नारोट भैरोखेड़ी, हुस्नापुर, कुआं खेड़ी आदि गांव के स्कूल, आंगनबाड़ियों तक पानी पहुंच गया है।