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बाढ़ से लोगों की बढ़ी परेशानी, कई राज्यों में उफना रही नदियां, मदद को आगे आया संयुक्त राष्ट्र

बाढ़ से हजारों लोग बेहाल हैं। बिहार उत्तर प्रदेश सहित असम के कई जिलों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा रखी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:49 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 09:13 AM (IST)
बाढ़ से लोगों की बढ़ी परेशानी, कई राज्यों में उफना रही नदियां, मदद को आगे आया संयुक्त राष्ट्र
बाढ़ से लोगों की बढ़ी परेशानी, कई राज्यों में उफना रही नदियां, मदद को आगे आया संयुक्त राष्ट्र

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत के कई राज्यों में हुई भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर है इस कारण बाढ़ के हालात बन गए हैं। बाढ़ से लोग बेहाल हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, असम के कई जिलों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा रखी है। बिहार में बाढ़ के पानी में 11 लोगों के डूबने की खबर है वहीं उत्तर प्रदेश की घाघरा व शारदा नदी में उफान के कारण करीब 40 गांव जलमग्न हो गए हैं। वहीं असम के हालात भी बाढ़ से ठीक नहीं है। इधर बाढ़ की खबरों के बीच संयुक्त राष्ट्र मदद को आगे आया है। वह मानवीय सहायता पहुंचाने में मदद करेगा।

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बाढ़ प्रभावितों की मदद करेगा संयुक्त राष्ट्र

भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से लोग बेहाल हैं। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने मानवीय मदद की पेशकश की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि मानसून के दौरान भारत में 770 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, पांच लाख से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित समुदायों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तैयार है। एशिया में बाढ़ की स्थिति पर दुजारिक ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों ने वर्षो बाद ऐसी बाढ़ देखी है। देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो चुका है। 54 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं।

असम के ज्यादतर हिस्से में कम हो रहा पानी

असम के धेमाजी, बक्सा और मोरीगांव जिले बुधवार को भी जलमग्न रहे। हालांकि राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बाढ़ का पानी कम हुआ है। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बाढ़ बुलेटिन के अनुसार इस समय इन तीन जिलों में 14,205 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि 7,009 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल को नुकसान हुआ है। बुलेटिन के अनुसार धेमाजी सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिला है जहां 12,908 लोग प्रभावित हैं। इसके बाद बक्सा में एक हजार लोग प्रभावित हैं और मोरीगांव में 297 लोग प्रभावित हैं। इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 136 है। इनमें से 110 लोगों की मौत बाढ़ से संबंधित घटनाओं और 26 की मौत भूस्खलन से हुई है।

उत्तर प्रदेश की कई नदियों में फिर बढ़ा जलस्तर

इधर, उत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर बढ़ने का दौर जारी है। खासकर घाघरा व शारदा नदी के तटवर्ती जिलों की आबादी प्रभावित हो रही है। कटान से तटबंध क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। बहराइच में घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तीनों बैराजों से तीन लाख 26 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। एल्गिन ब्रिज पर जलस्तर खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर हैं। 40 गांव व बौंडी थाना बाढ़ से जलमग्न है। बाराबंकी में भी घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गोंडा में घाघरा के जलस्तर में बढ़त के साथ तरबगंज के भिखारीपुर सकरौर तटबंध में ऐली परसौली में कटान का क्रम बढ़ गया है।

बिहार में बाढ़ से 11 मौत

बिहार में कोसी अपने उफान पर है। मंगलवार की रात और बुधवार से एक बार फिर यहां नदियां उफना रही हैं। बाढ़ के कहर के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर करीब 20 दिनों से परिचालन ठप है। वहां बाढ़ से अभी तक 11 लोगों के डूबने की खबर है। सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव से नेपाल प्रभाग समेत भारतीय प्रभाग में 17 बिंदुओं पर नदी दबाव बना रही है। सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के केदली में कोसी के कटाव में आधा दर्जन घर विलीन हो चुके हैं। अररिया में बकरा व रतवा नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस कारण कई गांवों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल रहा है।


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