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मध्‍य प्रदेश में बाढ़ का कहर, यूपी में हाहाकारी हुईं लहरें, राजस्‍थान में मुश्किल हालात, बिहार में 11 और झारखंड में 14 की मौत

उत्तर प्रदेश के बहुत से इलाके बाढ़ से घिर गए हैं। मप्र में चंबल नदी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है। बारिश के बीच वज्रपात से बिहार में 11 तो झारखंड में 14 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 11:46 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 05:40 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश में बाढ़ का कहर, यूपी में हाहाकारी हुईं लहरें, राजस्‍थान में मुश्किल हालात, बिहार में 11 और झारखंड में 14 की मौत
देश के कई इलाकों में हाहाकारी लहरों ने हालात मुश्किल कर दिए हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। गंगा व यमुना समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में हाहाकारी लहरों ने हालात मुश्किल कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश के बहुत से इलाके बाढ़ से घिर गए हैं। आपदाग्रस्त कालपी में शनिवार को नौकायन कर रहे युवकों की नाव लहरों के वेग से असंतुलित होकर पेड़ से टकराकर यमुना में डूब गई। हादसे में चार युवकों के डूबने की सूचना है। मप्र में चंबल नदी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है। बारिश के बीच वज्रपात से बिहार में 11 तो झारखंड में 14 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए।

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यूपी में हाहाकारी हुईं लहरें

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट में यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। चित्रकूट में यमुना तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। इससे मऊ व राजापुर तहसील के एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ के हालात हैं। बांदा में केन में करीब एक मीटर की और यमुना में लगभग 73 सेमी बढ़ोतरी हुई है। औरैया में यमुना का जलस्तर 117.02 मीटर है। यमुना का चेतावनी बिंदु 112.00 मीटर तथा खतरे का निशान 113.00 मीटर पर है। कन्नौज में गंगा का जलस्तर घटा है, लेकिन हालात सामान्य नहीं हैं।

बाढ़ के मुहाने पर प्रयागराज

गंगा व काली नदी उफान पर होने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। संगमनगरी प्रयागराज बाढ़ के मुहाने पर है। गंगा-यमुना खतरे के निशान से थोड़ा ही नीचे थीं। राजस्थान के धौलपुर बैराज से आया पानी आफत बन रहा है। शहर की कई बस्तियों के निचले हिस्से में पानी घुस गया है। शाम तक 227 परिवारों के 1,647 लोगों ने सात बाढ़ राहत चौकियों में शरण ले ली थी। बाढ़ क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने के लिए 21 नाव लगाई है।

बनारस में भी बिगड़े हालात

बनारस में गंगा में बढ़ा पानी कारिडोर को डूबोने के बाद बस्तियों को आगोश में लेने लगा है। करीब हजारों परिवार घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। सामनेघाट, डोमरी, सूजाबाद, पुलकोहना, सरैयां, नक्खीघाट, चिसाईगांव ब्लाक के सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शहर के प्रमुख घाट दशाश्वमेध व असि को डूबोते हुए गंगा का पानी सड़क पर आ गया है। पूरे पूर्वाचल में बढ़ती नदियां खौफ पैदा कर रही हैं।

क्वारी और सोन नदी भी उफान पर

मध्य प्रदेश के भिंड-मुरैना में नदियों में फिर उफान आ गया है। चंबल के साथ-साथ क्वारी व सोन नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। कूनो, पार्वती, बनास आदि नदियों से होते हुए श्योपुर-शिवपुरी का बारिश का पानी चंबल नदी में आ गया है। भिंड में क्वारी नदी में जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने तीन गांव खाली कराए हैं।

केंद्रीय मंत्री तोमर के साथ धक्का-मुक्की

मध्‍य प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने केलिए क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शनिवार को श्योपुर पहुंचे तो लोग आक्रोशित हो उठे। मंत्री सहित प्रशासन की गाडि़यों पर कीचड़ फेंक दिया। एक पीडि़त व्यक्ति तो उनकी गाड़ी केआगे लेट गया। कुछ लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की भी कर दी।

राजस्थान का हाड़ौती जलमग्न

राजस्थान में हाड़ौती का इलाका अब भी जलमग्न है। कोटा जिले में पिछले सात दिनों में हुई बारिश के कारण नदी, नालों का जलस्तर बढ़ गया। सांगोद, खानपुर और इटावा में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सांगोद और खानपुर सहित भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हेलिकाप्टर से सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख और घायलों को दो-दो लाख की आíथक सहायता देने की घोषणा की।

बिहार में बढ़ा नदियों का जलस्तर

उत्तर बिहार के कई जिलों में बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। झारखंड के साहिबगंज में गंगा नदी उफान पर है, उसके जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। जिले के उधवा प्रखंड की लगभग 13 पंचायतें बाढ़ की जद में है। कई शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

चमोली में भूस्खलन, चार मंजिला होटल जमींदोज

उत्तराखंड में मानसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है। शनिवार को चमोली जिले के गोपेश्वर में भूस्खलन के कारण चार मंजिला होटल जमींदोज हो गया जबकि बागेश्वर में अतिवृष्टि के दौरान तीन मकान ढहने से प्रभावित परिवारों ने पड़ोसियों के यहां शरण ली। उधर, पौड़ी में गोशाला के ऊपर मलबा आने से 51 बकरियां ¨जदा दफन हो गई। 


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