मां की मौत के बाद भी नहीं छूटी ममता, आंचल को पकड़ कर सोता रहा 5 साल का मासूम
उस्मानिया अस्पताल में भर्ती अपनी मां के बेड पर पांच साल की उम्र का बच्चा बेफ्रिक होकर सो गया, इस बात से अंजान कि अब उसकी मां इस दुनिया में नहीं रही।
हैदराबाद (जेएनएन)। यह खबर शायद आपकी आंखों में आंसू ले आए। एक बच्चे के लिए मां क्या होती है? यह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। यह एक एहसास है, जिसे केवल महसूस किया जा सकता है। हैदराबाद में मां और बच्चे के प्रेम का एक ऐसा ही अटूट बंधन देखने को मिला, जिसे मौत भी खुद से जुदा नहीं कर पाई। उस्मानिया अस्पताल में भर्ती अपनी मां के बेड पर पांच साल की उम्र का बच्चा बेफ्रिक होकर सो गया, इस बात से अंजान कि अब उसकी मां इस दुनिया में नहीं रही।
36 वर्षीय समीना सुल्ताना को उनके लिवइन पार्टनर ने रविवार शाम को उस्मानिया सरकारी अस्पताल के बाहर फेंक दिया था। उसकी देखभाल करने के लिए अस्पताल में कोई मौजूद तक नहीं था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। उसके पति अय्यूब ने उसे तीन साल पहले छोड़ दिया था। उसके 5 साल के बच्चे शोएब के चेहरे की मासूमियम देखकर शायद सभी का दिल मुंह को आ जाए। अपनी मां के शरीर से चिपका हुआ शोएब किसी भी सूरत में उसे छोड़ना नहीं चाहता था। अस्पताल के कर्मचारियों और स्वास्थ्य स्वयंसेवकों के लाख समझाने के बाद कि अब उसकी मां इस दुनिया में नहीं रही, वो न समझा।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, मुजतबा हसन असकरी ऑफ हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन ने बताया, 'रविवार को लगभग 11.30 बजे हमें अस्पताल से महिला चिकित्सक के बारे पता चला, जिसकी हालत गंभीर थी, लेकिन उसके साथ कोई भी मौजूद नहीं था। हमारे से वालंटियर इमरान मोहम्मद ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।' उस महिला का पांच साल का बच्चा उसके बगल में सोता रहा, जब तक उसके मृत शरीर को शवगृह में नहीं भेजा गया।
अस्पताल के कर्मचारियों और एनजीओ के वालंटियर ने उस मासूम को जगाया और उसे बताया कि उसकी मां को दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। क्योंकि महिला के साथ कोई भी मौजूद नहीं था सिवाय उस पांच वर्षीय बच्चे के, तो अस्पताल प्रबंधन ने मैलार्देव्पल्ली पुलिस को इसकी जानकारी दी।
एनजीओ का वालंटियर इमरान मोहम्मद ने बताया, 'महिला की गंभीर हालात हो रखी थी। डॉक्टरों ने उसे होश में लाने के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिसास्किटेशन) किया, लेकिन उनकी कोशिश नाकामयाब रही। उसकी लगभग 12.30 बजे मौत हो गई। जब महिला की मौत हो गई तो हमने उसके 5 साल के बच्चे को उसके मृत शरीर से दूर करने की तमाम कोशिश की, लेकिन वह रात दो बजे तक अपनी मां के मृत शरीर से लिपकर सोता रहा। जबतक उसके शरीर को शवगृह नहीं भेजा गया।
महिला के आधार कार्ड की मदद से मैलार्देव्पल्ली पुलिस ने उसके रिश्तेदारों को ढूंढ निकाला है। मेंडक जिले के ज़हीराबाद में उसके रिश्तेदार रहते हैं। इंस्पेक्टर पी जगदीशर ने कहा, 'हम उसके बेटे को समीना के भाई मुश्ताक पटेल को सौंप दिया है।' पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ है कि महिला की मौत हार्ट अटैक से हुई है। वहीं, समीना के रिश्तेमदारों ने ज़हीराबाद में उसका अंतिम संस्कार किया। समीना के भाई मुश्ताक पटेल ने कहा, पुलिस सुबह 4 बजे हमारे दरवाजे पर पहुंची। जब तक हम अस्पातल नहीं पहुंचे, समीना का बेटा वालंटियर के साथ रहा। लड़के का पिता अय्यूब अपने परिवार को छोड़कर महाराष्ट्र चला गया था। जिसके बाद हमने बच्चे की देखभाल की जिम्मेदार ली।'