लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी का साथी और चार ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार, भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद
आतंकियों के पांच मददगारों को गिरफ्तार किया गया है। कश्मीर जोन पुलिस ने बताया कि इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद बरामद हुआ है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। सुरक्षाबलों ने रविवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी के एक साथी को हिरासत में ले लिया। बडगाम जिले से आतंकियों के चार ओवरग्राउंड वर्कर्स यानी ओजीडब्ल्यू भी हिरासत में लिए गए हैं। उनसे बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक लश्कर के आतंकी को 12 नवंबर 2019 को सुरक्षाबलों ने गांदरबल में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया था। जांच में पाया गया कि फियाज अहमद बट नाम के एक युवक ने गांदरबल जिले में दो आतंकियों को लाया था।
फियाज कंगन के अखल क्षेत्र का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार फियाज हुर्रियत कान्फ्रेंस के साथ भी काम करता है। पुलिस ने उसके पास से चाइनीज ग्रेनेड भी जब्त किया है। पिछले रिकार्ड से यह भी साफ हुआ है कि फियाज 2008 में कंगन पुलिस स्टेशन में ग्रेनेड रखने में भी शामिल था। उसके खिलाफ विस्फोटक पदार्थ रखने का मामला भी दर्ज है। वहीं, पकड़े गए ओजीडब्ल्यू की पहचान कनीहामा क्षेत्र के मुजमिल नबी व उमर एजाज और कांटेबाग एसके पोरा के रहने वाले रौफ भट व इशफाक भट के रूप में हुई है। इनके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है।
दरअसल, भारतीय सुरक्षा बलों के एंटी टेरर ऑपरेशनों के कारण आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती में कमी आई है। इससे भारत को अस्थिर करने की मंशा रखने वाले आतंकियों के पाकिस्तान में बैठे आकाओं पर भारी दबाव है। वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर दबाव बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। पाकिस्तान की फौज भी भारत में आए दिन आतंकियों की घुसपैठ कराने के मकसद से आए दिन सीज फायर का उल्लंघन कर रही है।
इस बीच केंद्रीय गृह सचिव सीमा प्रबंधन एनएन सिन्हा ने रविवार को जम्मू क्षेत्र में भारतीय सैन्य ठिकानों का दौरा किया और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कड़ी चौकसी से दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के निर्देश दिए। गृह सचिव ने सीमा सुरक्षा बल फ्रंटियर मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों से भविष्य की चुनौतियों से निपटने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। वहीं जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के मुताबिक, सुरक्षा बलों के अभियान के कारण घाटी में आतंकी हिंसा में बहुत कमी आई है। दिलबाग सिंह की मानें तो वादी में सक्रिय आतंकियों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है। आतंकियों की भर्ती घटी है और सक्रिय आतंकियों की संख्या में भी कमी आ रही है।