महिलाओं का ग्राफ गिरा, करोड़पति विधायकों की रही धूम
480 विधायक या 59 फीसद विधायकों के पास स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री है। नेशनल इलेक्शन वाच (न्यू) ने पांचों राज्यों के कुल 812 विधायकों के हलफनामो की पड़ताल की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव में इस बार कम से कम 428 करोड़पति विधायक बने हैं। मजे की बात यह है कि कांग्रेस की इकलौती जीत वाले पुडुचेरी में सर्वाधिक यानी अधिकतम 83 फीसद करोड़पति हैं।
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के एक सर्वे के अनुसार इस सर्वे में निर्वाचित विधायकों के नामांकन में दाखिल हलफनामे का भी विश्लेषण किया गया है। बताया जाता है कि पुडुचेरी के बाद सर्वाधिक करोड़पति विधायक तमिलनाडु (76 फीसद) हैं। असम में 57 फीसद, पश्चिम बंगाल में 34 फीसद और केरल में 44 फीसद करोड़पति विधायक चुने गए हैं। पुडुचेरी में मात्र 30 विधायक निर्वाचित हुए हैं जिसमें से 25 करोड़पति हैं। जबकि तमिलनाडु में 223 का ब्योरा खंगाला गया जिसमें इस साल 170 विधायक करोड़पति थे। असम में ब्योरा खंगाले जाने वाले 126 विधायकों में से 72 करोड़पति थे। केरल में 140 विधायकों में 61 करोड़पति मिले। पश्चिम बंगाल में खंगाले गए निर्वाचित 293 विधायकों में से 100 करोड़पति हैं।
सर्वाधिक संपत्ति तमिलनाडु में कांग्रेस विधायक के पास
सर्वे में बताया गया है कि तमिलनाडु में कांग्रेस के वसंतकुमार एच. की कुल संपत्ति 337 करोड़ रुपये की है। जबकि जयललिता के पास 113 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है। पुडुचेरी में ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के अशोक आनंद की कुल संपत्ति 124 करोड़ रुपये से अधिक की है। वहीं, असम में असम गण परिषद (अगप) के नरेन सोनोवाल की कुल संपत्ति 33.94 करोड़ रुपये की है। जबकि केरल में राकांपा के थामस चांडी कुल संपत्ति 92.37 करोड़ रुपये से अधिक की है। वहीं पश्चिम बंगाल में एआइटीसी के समीर चक्रवर्ती की संपत्ति 40.59 करोड़ रुपये की है।
पुडुचेरी के विधायकों की संपत्ति का औसत सर्वाधिक
पुडुचेरी में विधायकों की संपत्ति का सबसे ऊंचा औसत (13.45 करोड़ रुपये) है। इसके बाद तमिलनाडु में 8.21 और केरल में 2.82 करोड़ रुपये का औसत है। इन पांच राज्यों के प्राप्त ब्योरों में 812 विधायकों में से केवल 77 महिला विधायक हैं। कुल 186 विधायकों ने कहा है कि उन्होंने कभी भी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है। केरल में ऐसे विधायकों की अधिकतम तादाद 60 फीसद है। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल 20 फीसद के साथ है। सर्वे में बताया गया है कि 49 विधायकों ने तो अपने पैन का ब्योरा तक नहीं दिया है।
80 साल से अधिक और 25-30 की उम्र के 5-5 विधायक
उम्र के आधार पर हुए विश्लेषण में पाया गया कि 80 साल से अधिक उम्र के पांच विधायक हैं। 71-80 की आयु के 38 विधायक, 61-70 के बीच 187 विधायक, 51-60 साल के बीच 278 विधायक, 41-50 के बीच 212, 31-40 के बीच 87 विधायक और 25 से 30 साल की आयु के बीच मात्र पांच विधायक हैं।
19 विधायकों के पास पीएचडी की डिग्री
शिक्षा के आधार पर किए गए विश्लेषण में पाया गया कि 19 विधायकों के पास पीएचडी की डिग्री है। इसमें से अधिकांश (10) विधायक पश्चिम बंगाल से हैं। जबकि तमिलनाडु से पांच पीएचडी विधायक हैं। इसके अलावा, 480 विधायक या 59 फीसद विधायकों के पास स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री है। नेशनल इलेक्शन वाच (न्यू) ने पांचों राज्यों के कुल 812 विधायकों के हलफनामो की पड़ताल की है।