एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के अमल से पांच राज्य ले सकेंगे अतिरिक्त कर्ज, सरकार ने रखी ये चार शर्तें
केंद्र सरकार के मुताबिक बाजार से 2 फीसद अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत से राज्यों को 427302 करोड़ रुपए उपलब्ध होंगे। इस 2 फीसद अतिरिक्त कर्ज के लिए केंद्र ने राज्यों के समक्ष कुछ शर्ते भी रखी हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को पूरी तरह से लागू करने वाले पांच राज्यों को केंद्र ने 9913 करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत दी है। ये पांच राज्य बाजार से ये कर्ज ले सकेंगे। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा एवं त्रिपुरा शामिल हैं। आंध्र प्रदेश 2,525 करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज ले सकेगा तो तेलंगाना को 2508 करोड़ रुपए, कर्नाटक को 4509 करोड़ रुपए, गोवा को 223 करोड़ रुपए एवं त्रिपुरा को 148 करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी गई है।
अतिरिक्त कर्ज के लिए सरकार ने रखी है चार शर्त
कोरोना संक्रमण से जूझते राज्यों को आर्थिक मोर्चे पर मदद के लिए केंद्र ने उन्हें बाजार से अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत दी है। सामान्य परिस्थिति में राज्य अपने जीएसडीपी का 3 फीसद तक कर्ज बाजार से ले सकता है, लेकिन कोरोना की वजह असामान्य परिस्थिति मानते हुए चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य जीएसडीपी के 5 फीसद तक कर्ज ले सकेंगे। केंद्र के मुताबिक बाजार से 2 फीसद अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत से राज्यों को 4,27,302 करोड़ रुपए उपलब्ध होंगे। इस 2 फीसद अतिरिक्त कर्ज के लिए केंद्र ने राज्यों के समक्ष कुछ शर्ते भी रखी हैं।
वित्त मंत्रालय की शर्तो के मुताबिक इस 2 फीसद में से एक फीसद अतिरिक्त कर्ज राज्य तभी ले सकेंगे जब राज्य चार प्रकार के सुधार कार्यक्रम पर पूरी तरह से अमल करेंगे। इन चार सुधार कार्यक्रमों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार, शहरी स्थानीय निकाय सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार करना शामिल हैं। इन सुधार कार्यक्रमों की समीक्षा केंद्र सरकार करेगी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक बचे हुए एक फीसद के अतिरिक्त कर्ज राज्य दो किस्त में ले सकेंगे। पहले किस्त में 0.5 फीसद के कर्ज होंगे जिसे लेने के लिए सभी राज्यों को एक साथ आना पड़ेगा और उन्हें चार सुधार कार्यक्रम में से कम से कम तीन पर अमल करने की लिखित गारंटी देनी होगी। बचे हुए 0.5 फीसद कर्ज बाजार से लेने की इजाजत केंद्र ने जून में ही दे दी थी।