सरकार के इस कदम के बाद देश में होगी 120 करोड़ लीटर डीजल-पेट्रोल की बचत
इससे देश में सालाना 120 करोड़ लीटर पेट्रोल या डीजल की बचत की जा सकेगी। यह वर्ष 2030 तक देश में कुल वाहनों के 30 फीसद के बिजली से चलने के लक्ष्य को हासिल करने में अहम कदम होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के सरकारी विभागों में मौजूदा पेट्रोल व डीजल से चलने वाली कारों के बदले बिजली से चलने वाली कारों को बदलने का काम वर्ष 2019-2020 में काफी रफ्तार पकड़ने जा रहा है। एनर्जी ऐफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने एक वर्ष के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों में इस्तेमाल होने वाले पांच लाख मौजूदा कारों को बिजली से चलने वाली कारों में बदलने का फैसला किया है। इससे देश में सालाना 120 करोड़ लीटर पेट्रोल या डीजल की बचत की जा सकेगी।
यह वर्ष 2030 तक देश में कुल वाहनों के 30 फीसद के बिजली से चलने के लक्ष्य को हासिल करने में अहम कदम होगा। इस क्रम में पिछले दिनों वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग में 15 ईलेक्टि्रक वाहनों के इस्तेमाल की शुरुआत की गई जिससे सालाना 36 हजार लीटर पेट्रोल व डीजल का उपभोग हो सकेगा।
ईईएसएल बिजली मंत्रालय के तहत आने वाला सरकारी उपक्रम है। बिजली मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि ईईएसएल ने अभी तक दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अंडमान व निकोबार की सरकारों के साथ समझौता कर लिया है। इनमें से कई राज्यों में बड़े पैमाने पर बिजली से चलने वाली कारों को खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा कई राज्यों के साथ बातचीत की जा रही है कि उनकी तरफ से जल्द से जल्द बिजली से चलने वाली कारों की खरीद शुरु की जाए।
संभवत: चालू वित्त वर्ष के दौरान यह काम तेजी से चलेगा। ईईएसएल की तरफ से सरकारी भवनों में चार्जिग स्टेशन लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है। ईईएसएल ने ज्यादा क्षमता के कारों को चार्जिग करने की क्षमता भी विकसित कर ली है। अभी जो नए चार्जिग स्टेशन लगाये जा रहे हैं वे ज्यादा क्षमता की कारों को जल्दी से चार्ज करने की क्षमता रखते हैं। सनद रहे कि मोदी सरकार ने वर्ष 2030 तक तेल आयात बिल में 20 फीसद की कटौती करने का जो लक्ष्य रखा है उसे हासिल करने के लिए भी ई-वाहनों को बढ़ावा देना जरुरी है।