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कर्नाटक: फर्जी स्टांप पेपर रैकेट का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार

कर्नाटक पुलिस ने पुलिस ने फर्जी स्टांप पे आरोपितों के पास से 64 लाख रुपये के उपकरण और अन्य सामग्री भी बरामद की है। गिरफ्तार लोगों की पहचान हुसैन बाबू हरीश नयाज अहमद सीमा और शब्बीर अहमद के रूप में की गई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 03:44 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 03:44 AM (IST)
कर्नाटक:  फर्जी स्टांप पेपर रैकेट का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
कर्नाटक: फर्जी स्टांप पेपर रैकेट का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार

बेंगलुरु, आइएएनएस।  कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने फर्जी स्टांप पेपर रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए इस सिलसिले में एक महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के पास से 64 लाख रुपये के उपकरण और अन्य सामग्री भी बरामद की है। गिरफ्तार लोगों की पहचान हुसैन बाबू, हरीश, नयाज अहमद, सीमा और शब्बीर अहमद के रूप में की गई है।

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कोर्ट द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने फर्जी स्टांप पेपर रैकेट का पता लगाने के लिए विशेष टीम का गठन किया था। सूचनाएं जुटाने के बाद विशेष टीम ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से रबर स्टांप और 663 फर्जी स्टांप पेपर के अलावा फर्जी स्टांप पेपर के 136 पैकेट बरामद किए गए। आरोपितों के बारे में बताया जा रहा है कि वे लोग 2005 से फर्जी स्टांप पेपर बना रहे थे। फर्जी स्टांप पेपर को वे लोग तीन हजार से 10 हजार रुपये तक में बेचते थे।

जानें स्टांप पेपर का आखिर क्या है इस्तेमाल

स्टांप पेपर का इस्तेमाल कई काम में होता है। खासकर कानूनी कार्यों में इसका महत्व और बढ़ जाता है। प्रापर्टी की खरीद-बिक्री या व्यावसायिक कागजात बनवाने के लिए सरकार को कुछ शुल्क देना होता है जिसे स्टांप ड्यूटी के रूप में चुकाते हैं। यह स्टांप ड्यूटी स्टांप पेपर के रूप में दिया जाता है। 1899 में इंडियन स्टांप एक्ट बनाया गया है जिसके तहत स्टांप ड्यूटी की अदायगी होती है। लेकिन राज्यों का भी अपना अलग नियम होता है जिसके मुताबिक अलग-अलग राज्यों में स्टांप ड्यूटी भिन्न हो सकती है।

अहम भूमिका वाला है स्टांप पेपर 

सेल डीड, लीज डीड, सिक्योरिटी या जुर्माना चुकाने की नौबत आए तो उसमें स्टांप पेपर का बड़ा रोल होता है। कई बार ऐसा होता है कि लोग स्टांप पेपर खरीद कर रख लेते हैं कि आगे काम आएगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है। कई बार स्टांप पेपर बेकार भी हो जाता है। कुछ नियमों में ऐसे बेकार हुए या पुराने पड़े स्टांप पेपर पर अलाउंस मिलता है या रिफंड मिलता है। लेकिन इसमें यह देखा जाता है कि स्टांप पेपर कितना पुराना है। ऐसे में यह सवाल अहम हो जाता है कि स्टांप पेपर कितने महीने या कितने साल पुराना चल सकता है।


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