नौकरी में रहकर उच्च शिक्षा हासिल करने पर पांच गुणा इंसेंटिव, PHD करने पर 30,000 इंसेंटिव
1999 में जारी आदेश के मुताबिक पहले यह राशि दो हजार रुपये से 10000 रुपये थी। कार्मिक मंत्रालय ने इसके लिए 20 साल पुराने मानदंडों में संशोधन किया है।
नई दिल्ली, प्रेट। सरकारी नौकरी में रहते उच्च शिक्षा हासिल करने पर मिलने वाले इंसेंटिव को पांच गुणा बढ़ा दिया गया है। लेकिन शर्त यह है कि उच्च शिक्षा कर्मचारी के काम से संबंधित हो। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि न्यूनतम इंसेंटिव 10,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये तक होगा। 1999 में जारी आदेश के मुताबिक पहले यह राशि दो हजार रुपये से 10,000 रुपये थी। कार्मिक मंत्रालय ने इसके लिए 20 साल पुराने मानदंडों में संशोधन किया है। नौकरी के दौरान अधिकतम दो बार इंसेंटिव मिल सकता है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आदेश के मुताबिक तीन साल या उससे कम अवधि वाले डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 10,000 रुपये दिये जाएंगे। तीन साल से अधिक की अवधि वाले डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 15,000 रुपये दिये जाएंगे।
एक साल या उससे कम अविध वाले पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 20,000 रुपये का इंसेंटिव मिलेगा। जबकि, एक साल से अधिक की अवधि वाले डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 25,000 रुपये इंसेंटिव के रूप में दिये जाएंगे। पीएचडी या उसके बराबर की डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारी को सबसे ज्यादा 30,000 रुपये इंसेंटिव मिलेगा। केंद्र सरकार में लगभग 48.41 लाख कर्मचारी हैं।
शैक्षिक और साहित्यिक विषयों पर उच्च शिक्षा हासिल करने पर कोई इंसेंटिव नहीं दिया जाएगा। मौजूदा जिम्मेदारी या अगले पद की जिम्मेदारियों में मददगार उच्च शिक्षा हासिल करने पर भी इंसेंटिव मिलेगा। साथ ही नौकरी में रहते हुए उच्च शिक्षा हासिल करने पर ही कर्मचारी इंसेंटिव का पात्र होगा।