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एक्‍सपर्ट की जुबानी जानें ट्रंप की वो पांच कमियां जो बिडेन को जिताने में हो सकती हैं मददगार

ट्रंप और बिडेन दोनों ही अपनी अपनी जीत के दावे कर कर रहे हैं। हालांकि जानकारों की राय में ट्रंप की हुई कुछ खामियां बिडेन के लिए जीत की राह खोल सकती हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 03:54 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 03:54 PM (IST)
एक्‍सपर्ट की जुबानी जानें ट्रंप की वो पांच कमियां जो बिडेन को जिताने में हो सकती हैं मददगार
एक्‍सपर्ट की जुबानी जानें ट्रंप की वो पांच कमियां जो बिडेन को जिताने में हो सकती हैं मददगार

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका के राष्‍ट्रपति चुनाव में करीब डेढ़ माह बाकी रह गए हैं। ऐसे में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट प्रत्‍याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। भले ही राष्‍ट्रपति पद के लिए दोबारा रिपब्ल्किन पार्टी के उउम्‍मीद्वार बने डोनाल्‍ड ट्रंप और डेमोक्रेट जो बिडेन अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बीआर दीपक बिडेन को राष्‍ट्रपति पद के लिए ज्‍यादा मजबूत मानते हैं। उनकी निगाह में ऐसा मानने की पांच बड़ी वजह हैं।

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1-प्रोफेसर दीपक का कहना है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप कोविड-19 से लड़ने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। उनके मुताबिक इसकी रोकथाम की नीतियों को बनाने में उन्‍होंने विवाद ज्‍यादा खड़े किए है। इस मामले में वो हमेशा ही एक्‍सपर्ट और वरिष्‍ठ डॉक्‍टरों के फैसलों को नकारते रहे। डॉक्‍टर फॉसी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। वो लगातार वैक्‍सीन को लेकर तरह तरह की बातें करते आए हैं। लगातार गलत बयानबाजी करते आए हैं। इसकी वजह से अमेरिका के लोगों में उनकी छवि एक नकारात्‍मक राष्‍ट्रपति की है। ऐसे में इसका फायदा बिडेन उठा सकते हैं।

2- राष्‍ट्रपति ट्रंप अमेरिकियों के स्‍थानीय मुद्दों पर पूरी तरह से विफल साबित हुए हैं। यही वजह है कि वो चुनाव में स्‍थानीय मुद्दों को उठाने में परहेज कर रहे हैं जबकि इस चुनाव में अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दे उठा रहे हैं। दीपक का कहना है कि जब कोई नेता देश के आंतरिक मसलों पर विफल होता है तो वो देश और दुनिया के सामने अपनी अंतरराष्‍ट्रीय नेता की छवि दिखाने और उसको स्‍थापित करने की कोशिश करता है। यही ट्रंप भी कर रहे हैं। लेकिन उनका ये दांव उनपर भारी पड़ सकता है।

3- राष्‍ट्रपति ट्रंप के इस पहले कार्यकाल के अंत में जिस तरह से अमेरिका में श्‍वेत और अश्‍वेत के बीच खाई बढ़ी है, उसने उनकी छवि को खराब किया है। इसी वर्ष में अब तक दो ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें से एक में पुलिसकर्मी द्वारा अश्‍वेत की कथित हत्‍या कर दी गई और दूसरे में अश्‍वेत को पीछे से सात गोलियां मारी गईं, जिसके बाद से वो जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। इन दोनों घटनाओं के बाद देश के कई राज्‍यों में हिंसक प्रदर्शन हुए जिसको ट्रंप ने घरेलू आतंकवाद का नाम दिया था। इस तरह के बयानों से भी उनकी छवि खराब हुई है और बिडेन को मजबूती मिली है।

4-ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिकियों पर नौकरी का संकट बढ़ा है। कोविड-19 में भी लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। प्रोफेसर दीपक की मानें तो इस महामारी से पहले भी ट्रंप अमेरिकियों को रोजगार उपलब्‍ध करवाने में नाकाम साबित हुए हैं। इस कारण से भी अमेरिकी उनके खिलाफ हैं।

5- प्रोफेसर दीपक के मुताबिक राष्‍ट्रपति ट्रंप अपने ही बयानों को गलत साबित करते रहे हैं। वो कई अपने बयानों पर बार यूटर्न लेते भी दिखाई दिए हैं। इसकी वजह से उनकी छवि पूरी दुनिया में धूमिल हुई है।


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