उत्तर-पूर्व भारत में पहली बार हुआ हृदय का प्रत्यारोपण
कोलकाता ने चिकित्सा विज्ञान में पेश की नजीर। बेंगलुरु से विमान से लाया गया ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति का हार्ट।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : ब्रेन डेड' घोषित व्यक्ति का हृदय एक मरीज में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित कर कोलकाता मेें डाक्टरों की एक टीम ने चिकित्सा विज्ञान में नजीर पेश की है। उत्तर-पूर्व भारत में पहली बार हृदय का प्रत्यारोपण हुआ है। छह घंटे चले ऑपरेशन के बाद फोर्टिस अस्पताल के सर्जनों की टीम को कामयाबी मिली।
जानकारी के अनुसार बेंगलुरु में वरुण डीके नामक व्यक्ति सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें वहां के स्पर्श अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 19 मई को डॉक्टरों ने वरुण को 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने उनके दिल को दान करने का निश्चय किया। स्पर्श अस्पताल की ओर से चेन्नई के मलहार फोर्टिस अस्पताल से संपर्क किया गया। उस अस्पताल में कोई जरूरतमंद मरीज नहीं था। इसके बाद कोलकाता के फोर्टिस अस्पताल से संपर्क किया गया, जहां दिलचंद सिंह नामक एक मरीज मिला, जिसकी जान बचाने के लिए हृदय प्रत्यारोपण की जरूरत थी। इसके बाद ऑपरेशन कर वरुण के सीने से दिल को निकालकर उसे प्रीजर्व किया गया।दिलचंद मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं।
सोमवार सुबह 10.30 बजे दान किए गए दिल को बेंगलुरु से चार्टर्ड विमान से दिल को कोलकाता लाया गया। खास बक्से में रखे गए दिल को ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर अस्पताल पहुंचाया गया। डॉ. तापस रॉय चौधरी और डॉ. एआर मंदानार समेत छह-सात डॉक्टरों की टीम ने तुरंत बेहद मुश्किल ऑपरेशन शुरू किया। करीब छह घंटे चले ऑपरेशन के बाद आखिरकार सफलता हाथ लगी और कोलकाता के नाम चिकित्सा विज्ञान में नया कीर्तिमान दर्ज हो गया। ऑपरेशन के बाद मरीज दिलचंद की हालत स्थिर बताई गई है। उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।