Ingenuity Flight: फिर टल गई मंगल पर हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी की उड़ान, जानें अब क्या बनी है वजह
नासा के इंजेंविनिटी हेलीकॉप्टर की उड़ान को एक बार फिर से टाल दिया गया है। इस बार इसके सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की वजह से इसको टाला गया है। अब अगले सप्ताह इसकी उड़ान के बारे में जानकारी सामने आएगी।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। मंगल ग्रह पर भेजे गए अपनी तरह के पहले हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी की उड़ान को एक बार फिर से टाल दिया गया है। फिलहाल ये नहीं बताया गया है कि ये उड़ान कब होगी। नासा के ट्वीट में कहा गया है कि इसकी जानकारी अगले सप्ताह सामने आएगी कि इंजेंविनिटी की मंगल पर पहली उड़ान कब होगी। हालांकि इस ट्वीट में इस बार इसकी उड़ान को टालने की वजह जरूर बताई गई है। ये तीसरी बार है कि जब इसकी उड़ान को टाल दिया गया है। नासा की जेट प्रपल्शन लैब में इस हेलीकॉप्टर के चीफ इंजीनियर बॉब बलराम इसकी उड़ान को लेकर काफी उत्साहित हैं। वो इस मिशन से भावनात्मक रूप से भी जुड़े हुए हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ये कंसेप्ट उनका ही था, जिसपर नासा ने काम किया है।
इस ट्वीट में कहा गया है कि नासा का हेलीकॉप्टर इंजेंविनिटी पूरी तरह से ठीक और सुरक्षित है। लेकिन इसके फ्लाइट सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की जरूरत है। इस सॉफ्टवेयर को अपडेट और वेलिडेट करने में कुछ समय लगेगा। इसलिए नासा इस हेलीकॉप्टर की उड़ान की तारीख की घोषणा अगले सप्ताह करेगा। आपको बता दें कि नासा इस उड़ान को लेकर जितना उत्साहित है उतना ही इसमें विलंब होता जा रहा है। यदि नासा अपने इस मिशन में कामयाब हो गया तो ये किसी ऐसे उपकरण की धरती के बाहर पहली उड़ान होगी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि नासा का ये हेलीकॉप्टर महज दो किलो वजनी है। इसमें किसी भी तरह का कोई विज्ञानी उपकरण नहीं लगा है। इसके बावजूद इसकी मंगल पर उड़ान को लेकर कई तरह की मुश्किलें हैं। बुधवार को इसकी उड़ान संभावित थी। इससे पहले रविवार को भी इसकी उड़ान को टाला गया था।
दरअसल, मंगल पर इसकी उड़ान धरती पर हुई उड़ान से कहीं अधिक मुश्किलों भरी होने वाली है। मंगल के वातावरण का सहारा लेते हुए इसको वहां पर उड़ान भरनी होगी। वहां पर इसका टेकऑफ जितना मुश्किल है उतना ही मुश्किल इसका लैंड होना भी होगा। इसलिए भी नासा किसी तरह की जल्दबाजी इसकी उड़ान को लेकर नहीं कर रहा है। जिस वक्त ये उड़ान भरेगा उस वक्त मार्स परसिवरेंस पर इस अपनी दृष्टि बनाए रखेगाओर इसकी जानकारी को धरती पर भेजता रहेगा। मंगल से धरती पर जानकारी भेजने में करीब 16 मिनट का समय लग सकता है। इसके बाद इस उड़ान की लाइव कमेंट्री में करीब एक घंटे का विलंब हो सकता है।