Move to Jagran APP

अस्पताल के आइसीयू में लगी आग, ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज की मौत

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। इस दौरान एक मरीज की मौत हो गई। दोपहर लगभग पौने 2 बजे कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए वार्ड में अचानक वेंटिलेटर में आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:15 AM (IST)
अस्पताल के आइसीयू में लगी आग, ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज की मौत
मेडिकल कॉलेज के आइसीयू की फाइल फोटो।

शिवपुरी, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल के आइसीयू वार्ड में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। इस दौरान एक मरीज की मौत हो गई। दोपहर लगभग पौने 2 बजे कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए वार्ड में अचानक वेंटिलेटर में आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई। कोरोना मरीजों को बाहर निकालने के लिए उनके स्वजनों को भी वॉर्ड में जाना पड़ा। मरीजों को शिफ्ट करते समय 65 वर्षीय मोहम्मद असलम की मौत हो गई। उनकी रिपोर्ट तो कोरोना निगेटिव थी, परंतु गंभीर लक्षणों के कारण उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था। 

loksabha election banner

वेंटिलेटर की प्लेट गर्म होने से लगी आग, कोविड वार्ड में भर्ती थे सात मरीज

बताया जाता है कि मोहम्मद असलम को सांस लेने में तकलीफ थी। उन्हें गुना से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। यहां पर उन्हें आइसीयू में कोरोना मरीजों के साथ ही रखा गया था। वार्ड में जिस वेंटिलेटर में आग लगी, उसमें मरीज को हाइफ्लो ऑक्सीजन दी जा रही थी। वेंटिलेटर की प्लेट बहुत ज्यादा गर्म हो गई, जिससे आग लग गई। घटना के समय वार्ड में सात मरीज थे, जिसमें छह कोरोना संक्रमित थे।

मृतक के बेटे मोहम्मद ताहिर ने बताया कि आग लगने के साथ जब भगदड़ मची तो वे अपने पिता को आइसीयू से लाकर आइसोलेशन वार्ड में ले गए। इस दौरान उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पाई और मौत हो गई। ताहिर ने आरोप लगाया है कि स्टाफ को मशीनें ऑपरेट करना नहीं आता है। तीन बार तो हमने ही अपने पिता की जान बचाई है।

मृतक की रिपोर्ट निगेटिव थी, पर लक्षणों के कारण भर्ती थे

सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा ने कहा कि मरीज को हाइपोक्सिया था। 60 मीटर की दर से ऑक्सीजन देने के बाद भी उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 70 से अधिक नहीं हो रहा था। उसे डायबिटीज और हायपरटेंशन की शिकायत भी थी। घटना के समय हमारे रेजीडेंट डॉक्टर और दो नर्स वहां थीं। मृतक मोहम्मद असलम के अटेंडर खुद कई बार ऑक्सीजन का फ्लो ऊपर-नीचे करते थे। मौत भी शिफ्टिंग के दौरान नहीं हुई है। मरीज की मौत आइसोलेशन वॉर्ड में शिफ्ट करने के 25 मिनट बाद हुई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.