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कोयला घोटाले में मोनेट इस्पात के खिलाफ एफआइआर

मोनेट इस्पात एंड एनर्जी को ब्लॉक आवंटित होने के बाद भी सीबीआइ ने कोयला घोटाले की प्रारंभिक जांच में गारे पाल्मा एवं राजगमार के आवंटनों की जांच की।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 09:15 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jul 2017 09:15 PM (IST)
कोयला घोटाले में मोनेट इस्पात के खिलाफ एफआइआर
कोयला घोटाले में मोनेट इस्पात के खिलाफ एफआइआर

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोयला घोटाला मामले की चल रही जांच में सीबीआइ ने मोनेट इस्पात एंड एनर्जी लिमिटेड के खिलाफ नया एफआइआर दर्ज किया है। एजेंसी ने मंगलवार को आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इसमें कंपनी और अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।

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मोनेट इस्पात एंड एनर्जी को ब्लॉक आवंटित होने के बाद भी सीबीआइ ने कोयला घोटाले की प्रारंभिक जांच में गारे पाल्मा एवं राजगमार के आवंटनों की जांच की। कंपनी ने रायपुर स्थित अपने स्पंज आयरन प्लांट के विस्तार के लिए कोयला ब्लॉक लिया था।

जांच के दौरान पाया गया कि कंपनी को गारे पाल्मा ब्लॉक आवंटित किया गया था। रायपुर में स्पंज आयरन प्लांट के प्रस्तावित विस्तार और कैप्टिव पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति के लिए 1996 में 10वीं स्क्रीनिंग कमिटी ने यह ब्लॉक दिया था।

कंपनी ने ब्लॉक में अगस्त 2004 से खनन शुरू किया था, लेकिन केवल 0.3 एमटीपीए (मीट्रिक टन प्रति वर्ष) प्लांट स्थापित किया। प्लांट की प्रस्तावित क्षमता 0.5 एमटीपीए थी। कंपनी ने रायगढ़ में एक स्पंज आयरन प्लांट स्थापित कर लिया।

एफआइआर में कहा गया है कि 2005-6 के दौरान कोयला मंत्रालय से अनुमति लिए बगैर कंपनी ने गारे पाल्मा के ब्लॉक से अपने रायगढ़ प्लांट में कोयला भेजना शुरू कर दिया था। यह भी पाया गया कि 2008-9 से कंपनी ने रायपुर से ज्यादा रायगढ़ प्लांट में कोयले का इस्तेमाल किया।

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