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कालेधन पर ईडी-एसएफआइओ के अधिकारियों से सवाल करेगी वित्त मामलों संबंधी समिति

वित्त मामलों संबंधी समिति की गुरुवार को होने वाली बैठक में देश के भीतर व बाहर छुपे अघोषित आय व संपत्ति यानी कालेधन को निकालने के लिए अब तक हुए प्रयासों का जायजा लिया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 08:32 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 08:35 PM (IST)
कालेधन पर ईडी-एसएफआइओ के अधिकारियों से सवाल करेगी वित्त मामलों संबंधी समिति
कालेधन पर ईडी-एसएफआइओ के अधिकारियों से सवाल करेगी वित्त मामलों संबंधी समिति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के भीतर व बाहर छुपे हुए कालेधन में से बीते चार साल में कितना पकड़ा गया, आम चुनाव से पहले इसका आकलन आ सकता है। संसद की एक वित्त मामलों संबंधी जल्द ही अघोषित आय व संपत्ति के मुद्दे पर एक रिपोर्ट को अंतिम रूप देने जा रही है।

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सूत्रों के मुताबिक वित्त मामलों संबंधी समिति की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक में देश के भीतर व बाहर छुपे अघोषित आय व संपत्ति यानी कालेधन को निकालने के लिए अब तक हुए प्रयासों का जायजा लिया जाएगा। समिति ने इस संबंध में ब्यौरा देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस के अधिकारियों को बुलाया है।

इससे पूर्व समिति 21 फरवरी को समिति वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधिकारियों से भी देश के भीतर और बाहर छुपे कालेधन के बारे में तीखे सवाल कर चुकी है। समिति इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट में एक विश्लेषण पेश करेगी। सूत्रों ने कहा कि चुनाव की घोषणा होने से पहले समिति की यह अंतिम बैठक होगी, इसलिए इसमें इस मुद्दे पर रिपोर्ट को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।

कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आम चुनावों की घोषणा होने में महज कुछ ही दिन शेष हैं और कालेधन व भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। 2014 के लोक सभा चुनाव में भ्रष्टाचार और कालाधन अहम मुद्दा था, इसलिए समिति में शामिल विपक्षी दलों के सदस्य इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकते हैं।

इस समिति में पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह भी बतौर सदस्य शामिल हैं। इससे पूर्व यह समिति नोटबंदी के मुद्दे पर भी सरकार और रिजर्व बैंक की खिंचाई कर चुकी है। ऐसे में इस बात के पूरे आसार हैं कि जब अधिकारी समिति के समक्ष पेश होंगे तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि नोटबंदी के बाद कितना कालाधन सामने आया।


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