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लॉकडाउन व कर्फ्यू से डगमगाता उद्योग जगत में भरोसा जगाने के लिए वित्त मंत्री ने संभाली 'भरोसे' की कमान

अनिश्चतता के इस दौर में उद्योग जगत में भरोसा जगाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कमान संभाल ली है। देश के विभिन्न राज्यों में लग रहे लॉकडाउन व कर्फ्यू से उद्योग जगत का भरोसा फिर से डगमगाने लगा है जिसे देखते हुए वित्त मंत्री आगे आई हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 08:16 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 08:16 PM (IST)
लॉकडाउन व कर्फ्यू से डगमगाता उद्योग जगत में भरोसा जगाने के लिए वित्त मंत्री ने संभाली 'भरोसे' की कमान
औद्योगिक इकाइयों व निर्यातकों को दिक्कतें बताने के लिए कहा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अनिश्चतता के इस दौर में उद्योग जगत में भरोसा जगाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कमान संभाल ली है। देश के विभिन्न राज्यों में लग रहे लॉकडाउन व कर्फ्यू से उद्योग जगत का भरोसा फिर से डगमगाने लगा है, जिसे देखते हुए वित्त मंत्री आगे आई हैं।

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सीतारमण ने औद्योगिक इकाइयों व निर्यातकों को दिक्कतें बताने के लिए कहा

निर्मला सीतारमण अलग-अलग क्षेत्र की बड़ी कंपनियों व उद्योग संगठनों से उनकी परेशानियों का जायजा ले रही हैं। सीतारमण उद्योगपतियों से कोरोना के कारण उत्पादन एवं कारोबार में होने वाली दिक्कतों की जानकारी मांग रही है ताकि आने वाले समय में वित्त मंत्रालय उद्यमियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए फैसला ले सके।

वित्त मंत्री सीतारमण ने उद्योग संगठनों से की वार्ता 

सीतारमण ने उद्योग संगठन सीआइआइ, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स, बांबे चेंबर, बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स, मद्रास चेंबर ऑफ कॉमर्स, बंगलोर चेंबर ऑफ कॉमर्स, निर्यात संगठन फियो, ऑटो निर्माताओं के संगठन सियाम, आइटी उद्योग के संगठन नैसकॉम समेत एलएंडटी, अपोलो, टीसीएस, मारुति सुजुकी व हीरो मोटो कॉर्प जैसी कंपनियों के प्रमुखों से बातचीत की।

वित्त मंत्री ने उत्पादन और कारोबार की समस्याओं को दूर करने का दिया भरोसा

फियो के प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ ने बताया कि वित्त मंत्री ने उनसे कोरोना की वजह से निर्यात में आने वाली अड़चनों की जानकारी मांगी। अन्य उद्योग संगठनों को भी वित्त मंत्री ने उत्पादन और कारोबार में आ रही समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया। जल्द ही देशभर के उद्योग संगठन वित्त मंत्री को लिखित रूप से सभी जानकारी देंगे। संगठनों का कहना है कि पिछले वित्त वर्ष (2020-21) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2020) में लॉकडाउन की वजह से जीडीपी में 23.9 फीसद की गिरावट आई थी जिसे सरकार नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दोहराना नहीं चाहती है।

वित्तीय फैसला जून में ही संभव, वित्त मंत्रालय राहत पैकेज के मूड में नहीं

सूत्रों के मुताबिक फिलहाल वित्त मंत्रालय किसी राहत पैकेज के मूड में नहीं है। मंत्रालय में इस बात की भी चर्चा है कि मई के बाद कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम हो सकती है और उसके बाद ही जरूरत पड़ने पर किसी प्रकार की वित्तीय मदद का एलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार सीधे वित्तीय मदद की जगह औद्योगिक क्षेत्रों को नीतिगत रूप से आने वाली दिक्कतों को दूर कर सकती है। एमएसएमई के लिए पिछले साल घोषित तीन लाख करोड़ रुपये के लोन की अवधि जून से आगे बढ़ाई जा सकती है।

निर्यातकों के लिए नई ड्यूटी दरों की घोषणा की जा सकती है

वैसे ही, निर्यातकों के लिए नई ड्यूटी दरों की घोषणा की जा सकती है जो पहले से लंबित हैं। सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण की दर कम होने व हालात के सामान्य होते ही सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के काम में तेजी लाएगी ताकि अर्थव्यवस्था की रिकवरी तेज हो सके।


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