Move to Jagran APP

10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-370 मामला, फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट 10 दिसंबर को अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई करेगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 02:48 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 02:57 PM (IST)
10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-370 मामला, फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई
10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-370 मामला, फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह 10 दिसंबर को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई करेगा। साथ ही कोर्ट ने केंद्र से 22 नवंबर तक मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। पांच जजों की एक बेंच उन याचिकाओं की सुनवाई कर रही है, जो अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को अलग किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर की गई है।

loksabha election banner

केंद्र सरकार ने अगस्त में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले की घोषणा की, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख में विभाजित किया। दोनों केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आए। इसके बाद केंद्र के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गईं।

इससे पहले 12 नवंबर को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को रद करने के अपने फैसले को सही ठहराया। सरकार ने कहा कि देश के बाहरी दुश्मनों के समर्थन से आतंकवादी और अलगाववादी इसका गलत फायदा उठा रहे थे। इसके साथ ही सरकार ने स्थायी निवासियों को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए को खत्म करने के फैसले को भी सही कदम बताया।

बता दें, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को विभिन्न याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पांच सदस्यीय पीठ ने आज इन याचिकाओं पर सुनवाई की।

इन याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को उसके मूल रूप में, संविधान में अस्थायी व्यवस्था करार दिया गया था। इसे 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किए जाने के बाद संविधान का हिस्सा बनाया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.