गणतंत्र दिवस परेड: राजपथ पर लड़ाकू विमान दिखाएंगे दम, झांकियों से लेकर यहां जानें क्या होगा खास
इस बार गणतंत्र दिवस परेड में काफी कुछ खास होने वाला है। परेड में इस बार 25 झाकियां 16 पैदल दस्ते और 17 सैन्य बैंड शामिल होंगे। इनमें अलग-अलग राज्यों विभागों और सशस्त्र बलों की 25 झांकियां शामिल हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे मे राजधानी दिल्ली के राजपथ पर निकलने वाली गणतंत्र दिवस परेड को लेकर पूरी तैयारियां हो गई है। इस बार गणतंत्र दिवस परेड में काफी कुछ खास होने वाला है। परेड में इस बार 25 झाकियां, 16 पैदल दस्ते और 17 सैन्य बैंड शामिल होंगे। इनमें अलग-अलग राज्यों, विभागों और सशस्त्र बलों की 25 झांकियां शामिल हैं। भारतीय सेना की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। इस बार परेड में सेना का प्रतिनिधित्व एक घुड़सवार दल, 14 मशीनीकृत दल, छह पैदल टुकड़ियों और विमानन विंग के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों के एक फ्लाईपास्ट की ओर से किया जाएगा।
परेड में दिखेगी सैन्य ताकत की झलक: इस बार के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय सेना की छह पैदल टुकड़ियां हिस्सा लेंगी। इनमें राजपूत रेजिमेंट, असम रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री, सिख लाइट इन्फेंट्री, आर्मी आर्डिनेंस कॉर्प्स रेजिमेंट और पैराशूट रेजिमेंट भी इसमें हिस्सा लेंगी। इसके अलावा भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना का एक-एक पैदल दस्ता भी परेड में हिस्सा लेगा।
टैंक तथा फाइटर प्लेन दिखाएंगे राजपथ पर दम: सेना के मशीनीकृत दल में एक पीटी-76 टैंक, एक सेंचुरियन टैंक, दो एमबीटी अर्जुन एमके-आई टैंक, एक एपीसी टोपस बख्तरबंद वाहक, एक बीएमपी-I पैदल सेना लड़ाकू वाहन और दो बीएमपी-II पैदल सेना लड़ाकू वाहन मार्च पास्ट में शामिल होंगे। इस आयोजन में पहली बार भारतीय वायु सेना के 75 विमानों का भव्य फ्लाई-पास्ट किया जाएगा। वहीं, प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिए चयनित 480 प्रतियोगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां करेंगे।
राजपथ पर ये होगा मुख्य आकर्षण का केंद्र: दरअसल, सन 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियारों और उपकरणों को इस बार राजपथ पर दिखाया जाएगा। इसी तरह पुराने बख्तरबंद वाहन और तोपखाने समेत पिछले दशकों में भारतीय सेना के लड़े गए युद्धों का प्रतीक होंगे। पुराने उपकरणों, हथियारों और तकनीक की जगह लेने वाली नई चीजों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
बता दें कि, इस बार परेड रूट को भी छोटा किया गया है। पहले रूट 8.3 किलोमीटर होता था, उसे घटाकर 3.3 किलोमीटर किया गया है। 5 किलोमीटर का रूट कम होने के बावजूद झांकियां लाल किले पर जाकर ही खत्म होंगी। साथ ही, समारोह स्थल पर दूर बैठे लोगों को कार्यक्रम दिखाने के लिए हर 75 मीटर की दूरी पर 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं।