कोलकाता में सर्दी में गर्मी का अहसास
सर्दी के मौसम में इस बार ज्यादातर ऊपर चल रहा तापमान रविवार को कोलकाता में 115 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर गया। न्यूनतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले वर्ष 1909 में जनवरी के प्रथम सप्ताह में न्यूनतम इतना अधिक दर्ज किया गया।
जेएनएन, नई दिल्ली। सर्दी के मौसम में इस बार ज्यादातर ऊपर चल रहा तापमान रविवार को कोलकाता में 115 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर गया। न्यूनतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले वर्ष 1909 में जनवरी के प्रथम सप्ताह में न्यूनतम इतना अधिक दर्ज किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री अधिक था। देश कई अन्य हिस्सों में भी तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया। तापमान की यही चाल रही तो गेहूं की पैदावार कमी की आशंका जताई जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ शुक्रवार से मौसम का मिजाज कुछ बदल सकता है।
कोलकाता में रविवार को दिन में भीड़भाड़ वाले इलाकों में गर्मी व उमस महसूस की गई। अलीपुर मौसम कार्यालय की मानें तो कोहरे और बादलों की जुगलबंदी के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है। दक्षिण बंगाल से बांग्लादेश तक बने पश्चिमी दबाव के कारण ठंड में भी गर्मी का अहसास हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 5-6 डिग्री सेल्सियस तो दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड व मध्य प्रदेश में 2-4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिमाचल में लगातार खिल रही धूप से जनवरी में भी सर्दी का अहसास नहीं हो रहा है। धूप खिलने से तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे दिन में ठंड लगभग समाप्त होती जा रही है। लेकिन रात के तापमान में विशेष अंतर नहीं आया है। रात को सर्दी महसूस की जा रही है।
राजधानी दिल्ली में दिनभर धूप खिली रही। अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस ज्यादा यानी 24.4 रहा। न्यूनतम तापमान भी दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा ही रहा। चंडीगढ़ में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। हरियाणा में नारनौल व पंजाब में अमृतसर सबसे ज्यादा सर्द रहा।
फसलों पर मार
इस बार जाड़े में तापमान असामान्य रहने से गेहूं के उत्पादन में कमी आ सकती है। बागवानी को भी खासे नुकसान की आशंका है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की फसल रतुआ सहित अन्य फफूंद जनित बीमारियों से प्रभावित हो सकती है। करनाल स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑर व्हिट एंड बार्ली रिसर्च के निदेशक इंदू शर्मा के मुताबिक अगर तापमान यूं ही सामान्य से ऊपर रहा तो गेहूं की पैदावार में कमी आ सकती है। इंदू शर्मा ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे फसल पर लगातार नजर रखें और वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई गईं दवाओं का छिड़काव करते रहें। दूसरी ओर, नमी की कमी के कारण हिमाचल के किसानों व बागवानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अलनीनो के चलते गर्म रहेगा जनवरी
इस साल सर्दियों में सामान्य से ज्यादा रहने वाले तापमान के जनवरी में भी ऐसा ही बने रहने की उम्मीद है। इसके चलते इस दफा यह पूरा महीना गर्म ही रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसा अलनीनो के प्रभाव के चलते होगा। रिकार्ड के मुताबिक, 2015 सबसे गर्म साल रहा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने बताया कि इस बार सर्दियों में नंवबर और दिसंबर औसत से ज्यादा गर्म रहे और ऐसा ही मौसम जनवरी में भी बने रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, ' जनवरी में तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की उम्मीद है। इसके अलावा दिन की अवधि धीरे-धीरे बढ़ेगी, जिसके चलते विकिरण में भी बढ़ोत्तरी होगी, जो तापमान के स्तर पर असर डालेगा। राठौर ने सर्दियों में तापमान बढऩे के लिए वैश्विक कारणों के साथ क्षेत्रीय प्रभावों को भी जिम्मेदार बताया। उनके मुताबिक, 'अलनीनो के अभी भी प्रभावी रहने का असर इस साल सर्दियों पर पड़ा है। दक्षिण पश्चिम मानसून के लिए भी यही जिम्मेदार था। उन्होंने मध्य भारत में प्रति चक्रवात को भी सर्दियों के गर्म होने के लिए जिम्मेदार ठहराया। प्रति चक्रवात, चक्रवात के विपरीत होता है, जिसमें हवाएं कम दबाव के क्षेत्र में गति करती हैं।