India China Border News: चीन को मात देने के लिए उसके दुश्मनों से दोस्ती बढ़ाए भारत
भारत को स्थिति का लाभ उठाते हुए अब खुलकर चीन के इन दुश्मनों से दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए।
नई दिल्ली। पाकिस्तान को छोड़कर चीन की अपने किसी पड़ोसी से नहीं बनती है। दक्षिण चीन सागर का मसला हो या डोकलाम विवाद, उसकी विस्तारवादी मनमानी गतिविधियों का विरोध करने वाले हर देश पर ड्रैगन आग उगलता रहता है। भारत इस स्थिति का लाभ उठाना चाहिए और अब खुलकर चीन के इन दुश्मनों से दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए। वह ड्रैगन की नाक के नीचे से जापान, मलेशिया, वियतनाम समेत कई चीन विरोधी देशों से अपने सैन्य संबंध मजबूत कर सकता है। ऐसा करके वह एक तरह से चीन को चौतरफा घेर लेगा। अमेरिका से ट्रेडवार के साथ कोविड महामारी के बाद चीन के प्रति दुनिया के देशों में असंतोष चरम पर है। भारत इस स्थिति को अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकता है।
सिंगापुर पांच वर्षीय समझौते के तहत भारत यहां की थल सेना व वायु सेना के अभ्यास के लिए सैन्य सामग्री मुहैया कराता है। दोनों देश नियमित रूप से सिंबेक्स नामक नौसेना युद्धाभ्यास भी करते हैं।
जापान दोनों देश समुद्री सुरक्षा, संयुक्त सैन्य अभ्यास और तकनीक के आदान-प्रदान पर जोर देते हैं। भारत-अमेरिका के सालाना मालाबार नौसेना अभ्यास में जापान भी नियमित रुप से शामिल होने लगा है।
इंडोनेशिया दोनों देशों के बीच संयुक्त हवाई युद्धाभ्यास होता है। ‘गरुड़ शक्ति’ सैन्य अभ्यास को बेहतर बनाने की तैयारी है। भारत ने इंडोनेशियाई नौसेना को पनडुब्बी युद्धाभ्यास का प्रशिक्षण देने की पेशकश की है। दोनों देशों की नौसेना अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर समन्वय करके गश्त लगाती है।
वियतनाम भारत यहां सैन्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ वियतनामी नौसैनिकों को पनडुब्बी युद्धाभ्यास में प्रशिक्षण देता है। बहुत जल्दी भारतीय सैनिक वियतनामी विमानचालकों को सुखोई विमान उड़ाने का प्रशिक्षण देंगे। भारत ने उसे ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें देने की पेशकश की है।
थाईलैंड दोनों देशों की सेना के बीच नियमित रूप से ‘मैत्री’ सैन्य अभ्यास होता है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर दोनों नौसेनाएं गश्त लगाती हैं।