एफएटीएफ ने भारत की मनी लांड्रिंग रोधी व्यवस्था की समीक्षा फिर टाली, अब अगले साल होगा यह कार्यक्रम
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में कोरोना महामारी के फिर फैलने के बाद एफएटीएफ के आपसी मूल्यांकन के कार्यक्रम को फरवरी में शुरू नहीं किया जा सका और अब इसके अगले साल सितंबर में शुरू होने की संभावना है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए हालात को देखते हुए वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स-एफएटीएफ) ने भारत की मनी लांड्रिंग रोधी और आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा एक बार फिर टाल दी है। अधिकारियों ने बताया कि अब यह समीक्षा अगले साल की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि पेरिस मुख्यालय वाली अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था द्वारा भारती की एंटी-मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग विरोधी व्यवस्था का आकलन मूल रूप से पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में ही किया जाना था। परंतु, एफएटीएफ सचिवालय ने कोरोना के चलते इसे इस साल फरवरी तक के लिए टाल दिया था।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में कोरोना महामारी के फिर फैलने के बाद एफएटीएफ के आपसी मूल्यांकन के कार्यक्रम को फरवरी में शुरू नहीं किया जा सका और अब इसके अगले साल सितंबर में शुरू होने की संभावना है।
इस मामले के जानकार एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस पुनर्निर्धारित आकलन कार्यक्रम के अनुसार भारत की मनी लांड्रिंग रोधी, आतंकियों को वित्तीय मदद पहुंचाने से रोकने के लिए किए गए उपायों, प्रासंगिक कानूनी ढांचे और उन उपायों को लागू करने वाली एजेंसियों की भूमिका की तकनीकी मूल्यांकन का काम अगले साल सितंबर में शुरू होगा। उसके बाद एफएटीएफ विशेषज्ञों की एक टीम फरवरी, 2023 में हालात का जायजा लेने के लिए भारत आएगी।
एफएटीएफ की वार्षिक बैठक अक्टूबर, 2023 में होने की उम्मीद है। इसमें भारतीय आकलन होगी। एफएटीएफ विशेषज्ञों द्वारा मौके का दौरा करने के 10 महीने बाद इसकी आपसी मूल्यांकन रिपोर्ट प्रकाशित होगी।
क्या है एफएटीएफ
एफएटीएफ मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर निगरानी रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है। यह अर्थव्यवस्था और वित्तीय लेनदेन में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक तय करती है। एफएटीएफ सदस्य देशों में इस बात की समीक्षा करता है कि वहां एफएटीएफ द्वारा तय मानकों का कितना पालन हो रहा है। एफएटीएओफ ने भारत की मनी लांड्रिंग रोधी और आतंकी फंडिंग रोकने के लिए किए गए उपायों का मूल्यांकन 10 साल पहले 2010 में की थी।