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Article 370 Protest in Jammu-Kashmir: फारूख अब्दुल्ला की बहन और बेटी हिरासत में, श्रीनगर में कर रही थीं प्रदर्शन

Article 370 Protest in Jammu Kashmir... यह दोनों अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 02:48 PM (IST)
Article 370 Protest in Jammu-Kashmir: फारूख अब्दुल्ला की बहन और बेटी हिरासत में, श्रीनगर में कर रही थीं प्रदर्शन
Article 370 Protest in Jammu-Kashmir: फारूख अब्दुल्ला की बहन और बेटी हिरासत में, श्रीनगर में कर रही थीं प्रदर्शन

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Article 370 Protest in Jammu & Kashmir... जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रह चुके फारूख अब्दुल्ला की बहन व बेटी को श्रीनगर से हिरासत में लिया गया है। यह दोनों अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। फारूख अब्दुल्ला की बहन का नाम सुरैया है, उनके साथ ही फारूख की बेटी साफिया को भी हिरासत में लिया गया है।

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इनके नेतृत्व में लालचौक इलाके में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम और जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार (Artical 370) समाप्त किए जाने के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था। डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन और बेटी समेत एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि पांच अगस्त के बाद लालचौक में यह पहला विरोध प्रदर्शन है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अबदुल्ला की बहन सुरैया अब्दुल्ला, डॉ फारुक अब्दुल्ला की बेटी साफिया अब्दुल्ला और जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बशीर अहमद खान की पत्नी हव्वा बशीर भी शामिल थीं। यह सभी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को रद करने, राज्य में पांच अगस्त से पूर्व की संवैधानिक स्थिति को बहाल करने व जेलों में बंद सभी राजनीतिक लोगों की तत्काल रिहाई की मांग कर रही थी।

हाथों और कंधों पर काली पट्टियां बांधी इन महिलाओं ने हाथों में प्लाकार्ड भी उठा रखे थे। इन पर अनुच्छेद 370 की पूर्ण बहाली के नारे लिखे हुए थे। प्रेस एन्कलेव से यह महिलाएं राज्य की पांच अगस्त से पूर्व की संवैधानिक स्थिति को बहाल करने की मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए एक जुलूस की शक्ल में लालचौक स्थित घंटाघर के लिए रवाना हुई। वहां मौजूदा महिला पुलिस और महिला सीआरपीएफ कर्मियों के एक दस्ते ने इन्हें प्रेस एन्कलेव के बाहरी मुहाने पर ही रोक लिया। इस पर नारेबाजी कर रही महिलाओं ने वहीं पर धरने पर बैठने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने इसकी भी अनुमति नहीं दी और उन्हें उठने के लिए कहा। डॉ. अब्दुल्ला की बहन और बेटी के नेतृत्व में नारेबाजी कर रही महिलाओं को किसी भी तरह न मानते देख महिला सुरक्षाकर्मियों ने इन सभी को जबरन वहां से हटाते हुए पुलिस वाहनों में भर दिया।

सुरक्षाकर्मियों ने इन महिला प्रदर्शनकारियों को वहां मौजूद पत्रकारों से बातचीत करने से भी रोका। उन्होंने इन्हें वहां अपना एक लिखित बयान भी बांटने से रोका, लेकिन डॉ. अब्दुल्ला की बहन सुरैया अब्दुल्ला अपनी बात रखने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को पूरे कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया गया। हम सभी कश्मीरियों को उनके घरों में बंद कर दिया गया और अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को जो विशेषाधिकार था वह समाप्त कर दिया गया। यह गैरलोकतांत्रिक है। यह कश्मीरियों पर जबरन थोपा गया केंद्र सरकार का एक फैसला है, यह जबरदस्ती की शादी के प्रस्ताव जैसा है जो कश्मीरियो को कभी कबूल नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। कश्मीरी खुद को ठगा हुआ और अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने नेशनल मीडिया पर भी कश्मीर के हालात को लेकर पक्षपाती रवैया अपनाने और कश्मीर की हकीकत को सिर्फ केंद्र सरकार के आईने से लोगों को दिखाने का आरोप लगाया।


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