फारूक की बहन, भांजे व भाई को घर से बाहर आने की नहीं मिली अनुमति
खालिदा शाह डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बड़ी बहन हैं। खालिदा के पति स्व. जीएम शाह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन, भांजा और छोटे भाई को नजरबंद या एहतियातन हिरासत में रखे जाने से राज्य सरकार के अदालत में इन्कार के बावजूद पुलिस ने वीरवार को उन्हें अपने घर से बाहर नहीं आने दिया। उन्हें मीडिया से बातचीत करने की भी अनुमति नहीं मिली।
खालिदा शाह, डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बड़ी बहन हैं। खालिदा के पति स्व. जीएम शाह जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। पति की मौत के बाद ही खालिदा शाह को अवामी नेशनल कांफ्रेंस का संरक्षक बनाया गया था, जबकि उनके पुत्र मुजफ्फर शाह पार्टी के अध्यक्ष हैं। डॉ. मुस्तफा कमाल नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव हैं और डॉ. फारूक अब्दुल्ला के सबसे छोटे भाई हैं।
गत चार अगस्त की मध्य रात्रि राज्य सरकार ने घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए खालिदा शाह, मुजफ्फर शाह और डॉ. मुस्तफा कमाल को एहतियातन हिरासत में लिया या फिर नजरबंद किया था। खालिदा शाह, मुजफ्फर शाह और डॉ. मुस्तफा कमाल ने अपनी नजरबंदी के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। गत बुधवार याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि यह तीनों न तो नजरबंद हैं और न एहतियातन हिरासत में हैं।
तीनों को घर के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने रोका
इसके बाद वीरवार को डॉ. मुस्तफा कमाल ने अपने भांजे मुजफ्फर शाह के साथ मिलकर पत्रकार वार्ता बुलाने का फैसला किया। यह वार्ता दोपहर एक बजे तय की गई, लेकिन इनमें से कोई भी अपने घर से बाहर नहीं आ सका। कहा जा रहा है कि तीनों को उनके घर के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें घर से बाहर आने और किसी से बात करने की अनुमति नहीं दी।
अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुजफ्फर शाह से मिलने की अनुमति मिली : अकबर लोन
नेकां के वरिष्ठ नेता और उत्तरी कश्मीर से सांसद मोहम्मद अकबर लोन ने बताया कि एक तरफ सरकार कहती है कि डॉ. मुस्तफा कमाल, मुजफ्फर शाह और खालिदा शाह को हिरासत में नहीं रखा गया है। दूसरी तरफ पुलिस इन्हें घर से बाहर नहीं आने दे रही है। इन तीनों को संयुक्त रूप से मीडिया से बात करनी थी, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। नेकां सांसद ने कहा कि मैं जब अपने कुछ साथियों से मिलने मुजफ्फर शाह के घर गया तो पुलिसकर्मियों ने मुझे भी रोका। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही हमें उनसे मिलने की अनुमति मिली।