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Farmer Protests : जानें आंदोलन कर रहे किसान संगठन हैं किस राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित, सदस्य संख्या है कितनी

सरकार को भरोसा है कि पूरे देश में बड़ी संख्या में किसान कानूनों के साथ हैं। आंदोलित किसान मुख्यत पंजाब से हैं और उन्हें हरियाणा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे किसान संगठनों का समर्थन मिल रहा है जो अपना चेहरा बचाए रखना चाहते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 06:44 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 06:51 PM (IST)
Farmer Protests : जानें आंदोलन कर रहे किसान संगठन हैं किस राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित, सदस्य संख्या है कितनी
दिल्ली की सीमा पर मोर्चाबंदी किए बैठे किसान संगठन

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ढाई दर्जन संगठनों में से लगभग एक तिहाई किसी न किसी राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित और प्रभावित हैं। जबकि इन सभी संगठनों की औपचारिक संयुक्त सदस्य संख्या बमुश्किल एक से सवा लाख है।दिल्ली की सीमा पर मोर्चाबंदी किए बैठे किसान संगठन अभी भी तीनों कृषि कानूनों के रद किए जाने की मांग पर अड़े हैं। दूसरी ओर सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि जो प्रावधान आशंकित कर रहे हों उनमें संशोधन तो हो सकता है, लेकिन कानून रद नहीं होंगे। दरअसल, सरकार को भरोसा है कि पूरे देश में बड़ी संख्या में किसान कानूनों के साथ हैं। आंदोलित किसान मुख्यत: पंजाब से हैं और उन्हें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे किसान संगठनों का समर्थन मिल रहा है जो अपना चेहरा बचाए रखना चाहते हैं। 

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कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे करीब ढाई दर्जन संगठन

अब ऐसे किसान संगठन भी खुले तौर पर मैदान में उतरने लगे हैं जो कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। जबकि कुछ संगठन किसानों के मुद्दों से भटक गए हैं।खुफिया विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित संगठनों में बड़ी संख्या उनकी है जो वामपंथी विचारधारा के समर्थक हैं। माकपा माले से प्रभावित भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) से टूटकर जितने धड़े बने, उनमें से कई राजनीतिक लाइन पर ही चल रहे हैं। इनमें सबसे उग्र और आक्रामक तेवर भाकियू उगरांहां के हैं, जो 2002 में बना था। रोचक तथ्य यह है कि इनमें से किसी भी संगठन की औपचारिक सदस्य संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, उगरांहां समूह का प्रभाव क्षेत्र तो पंजाब के आठ-नौ जिलों में है, लेकिन उसकी सदस्य संख्या साढ़े आठ हजार के आसपास ही है। 

कई किसान संगठन वामपंथी विचारधारा से प्रेरित

अगर इसके फेसबुक पेज को फालो करने वालों को भी समर्थक मान लिया जाए तो वह लाख के नीचे है। लेकिन उगरांहां में यह क्षमता है कि वह किसानों को प्रेरित कर सकता है। इसी तरह भाकियू क्रांतिकारी, भाकियू दकुंदा, क्रांतिकारी किसान यूनियन आदि भी वामपंथी विचारधारा से प्रेरित हैं, जबकि भाकियू लाखोवाल अकाली दल समर्थक माना जाता है। पंजाब के किसान नेताओं में सबसे सम्मानित भाकियू राजेवाल के नेता का अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल परिवार से अच्छा रिश्ता माना जाता है, लेकिन राजेवाल ने कभी कोई राजनीतिक पद नहीं लिया। कभी चुनाव भी नहीं लड़े। ऐसे में उनके समेत कई ऐसे संगठन हैं, जो राजनीतिक विचारधारा से स्वतंत्र हैं। बताते हैं कि ऐसे संगठन भी हैं जो किसानों की समस्या तक ही विरोध को सीमित रखना चाहते हैं और संशोधनों पर राजी है। फिलहाल वे संयुक्त शक्ति में कोई दरार दिखाना नहीं चाहते, लेकिन मध्य मार्ग निकालने के पैरोकार हैं।


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