Move to Jagran APP

किसानों के चक्का जाम का दिखा छिटपुट असर, नहीं मिला जन समर्थन, पंजाब और हरियाणा में लोगों को हुई परेशानी

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को राष्ट्रव्यापी चक्का-जाम की अपील का आंशिक असर रहा। पंजाब व हरियाणा में इसकी वजह से लोगों को परेशानी पेश आई। राजस्थान में कांग्रेस के विधायकों और नेताओं ने खुद सड़क पर उतर कर चक्का जाम कराया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 09:22 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 11:49 PM (IST)
किसानों के चक्का जाम का दिखा छिटपुट असर, नहीं मिला जन समर्थन, पंजाब और हरियाणा में लोगों को हुई परेशानी
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को राष्ट्रव्यापी चक्का-जाम की अपील का आंशिक असर रहा।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कृकृषि सुधार कानूनों के विरोध में शनिवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक के राष्ट्रव्यापी चक्का-जाम की अपील का आंशिक असर रहा। पंजाब व हरियाणा में इसकी वजह से लोगों को परेशानी पेश आई। राजस्थान में कांग्रेस के विधायकों और नेताओं ने खुद सड़क पर उतर कर चक्का जाम कराया। देश के अन्य हिस्सों में इसे जन समर्थन नहीं मिला। राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को चक्का जाम से बाहर रखा गया था, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में एहतियातन कड़े इंतजाम किए गए थे।

loksabha election banner

सरकार से बातचीत को तैयार 

इस बीच भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सरकार के बातचीत करने को तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार समझ जाए, हम बातचीत को तैयार हैं। मगर, बातचीत किसी दबाव में नहीं होगी। तीनों कृषि कानून वापस हों और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाया जाए, तभी घर वापसी होगी। अन्यथा दो अक्टूबर तक विरोध जारी रहेगा।

दिल्‍ली में बाधित रहीं मेट्रो सेवाएं 

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुए उपद्रव और हिंसा से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस बेहद सतर्क थी। लाल किले पर अभेद्य पर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कड़े इंतजाम के कारण राजधानी में यातायात पर असर पड़ा और लोगों को बेहद परेशानी हुई। मेट्रो सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि दोपहर 3:54 बजे सभी स्टेशन खोल दिए गए और मेट्रो का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो गया। 

दिल्‍ली में ड्रोन से निगरानी, नहीं चली मनमानी 

राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में पुलिस के साथ बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी गई। आइटीओ के नजदीक शहीदी पार्क पर चक्का जाम के उद्देश्य से जैसे ही प्रदर्शनकारी पहुंचे पुलिस ने करीब 50 लोगों को हिरासत में ले लिया। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बार्डर पर कृषि कानून विरोधी किसान संगठनों ने प्रदर्शन किए, लेकिन किसी को राजधानी में घुसने की इजाजत नहीं थी।

दिल्ली मेट्रो के 10 स्टेशन साढ़े पांच घंटे तक रहे बंद

दिल्ली मेट्रो के तीन कारिडोर के 10 स्टेशन करीब साढ़े पांच घंटे तक बंद रखे गए। इनमें नौ स्टेशन वायलेट लाइन के थे। इस लाइन पर खान मार्केट से लेकर लाल किला तक सभी स्टेशनों को बंद रखा गया। आवाजाही बाधित होने से यात्रियों को बहुत परेशानी हुई। कई यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। हालांकि दोपहर 3:54 बजे सभी स्टेशन खोल दिए गए और मेट्रो का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो गया।

इंटरनेट सेवाएं रहीं निलंबित

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बार्डर पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं। इन धरना स्थलों और उनके आस-पास के क्षेत्रों में 29 जनवरी को 11 बजे से इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का आदेश दिया गया था। बाद में इसे दो फरवरी तक बढ़ा दिया गया था। मालूम हो कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की सूचना मिलने पर दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थीं।

जालंधर में में दिखे भिंडरावाले की तस्वीर वाले झंडे 

पंजाब में किसान संगठनों ने 70 से ज्यादा स्थानों पर तीन घंटे के लिए नेशनल व स्टेट हाईवे पर चक्का जाम किया। इस दौरान शांति बनी रही, लेकिन लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कई जगहों पर लोगों को पैदल चलना पड़ा। जालंधर में धरने के दौरान गाडि़यों में जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर वाले झंडे भी दिखाई दिए। कई जगह कांग्रेस के विधायक धरनों में पहुंचे और भाजपा के विरोध में पर्चे बांटे गए। 

हरियाणा में तीन सौ जगहों पर धरना 

हरियाणा में लगभग तीन सौ जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर धरना दिया। हालांकि जाम का प्रभाव मध्य हरियाणा में ही अधिक रहा। कुंडली बार्डर पर सुबह से जाम था। केएमपी-केजीपी एक्सप्रेस-वे पर भी ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहन लगाकर जाम किया गया। पलवल में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता ही नजर आए। 

राजस्‍थान में कांग्रेसियों ने निकाली रैली 

राजस्थान में कांग्रेस के विधायक और पदाधिकारी स्वयं सड़क पर उतरे। कई जगहों पर शाम चार बजे बाद भी कांग्रेसी हाईवे पर बैठे रहे। कोटा में कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। महिलाएं भी चक्का जाम में शामिल हुईं। हिमाचल के शिमला, मंडी, ऊना में कांग्रेस व माकपा के नेताओं ने प्रदर्शन किया। शिमला में विक्ट्री टनल पर कुछ देर के लिए चक्का जाम किया। 

बाकी राज्‍यों में मामूली असर 

जम्मू में दो जगह प्रदर्शन हुए, जबकि कठुआ जिले के हीरानगर में कुछ किसान संगठनों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे के किनारे प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में बहुत ही मामूली असर दिखा। मुंबई में कई किसान संगठनों और कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। कराड़ में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की पत्नी समेत 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.