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Farmers Protest : किसान आंदोलन के कारण कौन-कौन सी ट्रेन कैंसिल हुई है, जानें उसकी पूरी लिस्ट

पंजाब के किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के कारण उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया है। किसानों और सरकार के बीच वार्ता भी बेनतीजा रही। कुछ ट्रेनों के रूट बदल दिए हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:40 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 10:06 AM (IST)
अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस 2 दिसंबर से शुरू होने वाली विशेष ट्रेन की यात्रा रद रहेगी

नई दिल्‍ली, एएनआइ। Farmers Protest पंजाब के किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के कारण उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान बिल के विरोध में पंजाब और हरियाणा में कई जगह किसान रेलवे स्‍टेशनों के पास भी प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों और सरकार के बीच वार्ता भी बेनतीजा रही। ऐसे में रेलवे ने कुछ ट्रेनों को रद करने का निर्णय लिया है। वहीं, कुछ ट्रेनों के रूट बदल दिए हैं।

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ये ट्रेन हुई हैं रद/डायवर्ट

- 09613 अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस 2 दिसंबर से शुरू होने वाली विशेष ट्रेन की यात्रा रद रहेगी।

- 3 दिसंबर को चलने वाली 09612 अमृतसर-अजमेर स्पेशल ट्रेन भी रद रहेगी।

- 05211 डिब्रूगढ़- अमृतसर एक्सप्रेस 3 दिसंबर से शुरू होने वाली विशेष ट्रेन रद रहेगी।

- 3 दिसंबर को शुरू होने वाली 05212 अमृतसर-डिब्रूगढ़ स्पेशल ट्रेन भी रद्द रहेगी।

- 04998/04997 भटिंडा-वाराणसी-भटिंडा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन अगले आदेश तक रद रहेगी।

- 02715 नांदेड़ से 2 दिसंबर से शुरू होने वाली अमृतसर एक्सप्रेस को नई दिल्ली में समाप्त किया जाएगा।

-04650/74 अमृतसर से 2 दिसंबर को शुरू होने वाली जयनगर एक्सप्रेस को अमृतसर-तरनतारन-ब्यास के रास्ते चलाने के लिए डायवर्ट किया जाएगा।

- 08215 दुर्ग से जम्मू तवी एक्सप्रेस की शुरुआत 2 दिसंबर को लुधियाना जलंधर कैंट-पठानकोट छावनी के रास्ते से चलाई जाएगी।

-08216 जम्मू तवी से दुर्ग एक्सप्रेस की शुरुआत 4 दिसंबर को पठानकोट कैंट-जालंधर कैंट-लुधियाना के रास्ते चलाई जाएगी।

 बैठक रही बेनतीजा

उल्‍लेखनीय है कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। बैठक में किसान संगठनों के नेता कानूनों को समाप्त करने की अपनी जिद पर अड़े रहे। हालांकि, इस दौरान वे उन प्रावधानों को नहीं बता सके, जो सीधे किसान हितों के विरुद्ध हों। सरकार की ओर से किसान नेताओं से स्पष्ट कहा गया कि अगले दौर की बैठक में आयें तो उन प्रावधानों को चिन्हित करके लाएं, जो किसान हितों के विरुद्ध हो, ताकि उन पर गंभीरता से विचार किया जा सके।


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