प्रदूषण नियंत्रण में विफलता पर पर्यावरण मंत्रालय की खिंचाई
विज्ञान, तकनीक, पर्यावरण एवं वन मामलों से संबंधित स्थायी संसदीय समिति ने संसद में पेश अपनी 283वीं रिपोर्ट में पर्यावरण मंत्रालय के कामकाज पर सवालिया निशान लगाया है..
नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद की एक स्थायी समिति ने प्रदूषण नियंत्रण करने में विफलता पर पर्यावरण मंत्रालय की जमकर खिंचाई की है। मंत्रालय के कामकाज पर नाखुशी जाहिर करते हुए उसने इस काम के लिए आवंटित धनराशि का समुचित उपयोग नहीं करने पर भी नाराजगी जताई है। समिति ने आगाह किया है कि मंत्रालय ऐसे जरूरी कदम उठाए, जिससे वह भविष्य में निर्धारित लक्ष्य हासिल कर सके और आवंटित बजट को ठीक प्रकार खर्च कर सके।
विज्ञान, तकनीक, पर्यावरण एवं वन मामलों से संबंधित स्थायी संसदीय समिति ने संसद में पेश अपनी 283वीं रिपोर्ट में पर्यावरण मंत्रालय के कामकाज पर सवालिया निशान लगाया है। इसमें कहा है कि पर्यावरण मंत्रालय वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र और ध्वनि निगरानी केंद्रों की स्थापना में भी फिसड्डी साबित हुआ है। अश्वनी कुमार की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के अनुसार पिछले कुछ वर्षो में वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण तय मानकों से कई गुना ज्यादा बढ़ा है।
इससे लोगों के स्वास्थ्य खतरे में पड़ गया है। उसने कहा है, 'पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कामकाज बेहद निराशाजनक है। इनकी लापरवाही के चलते प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है।' संसदीय समिति ने आवंटित बजट खर्च करने में कंजूसी पर भी सवाल उठाया है। उसके मुताबिक प्रदूषण नियंत्रण परियोजनाओं पर आवंटित राशि में से केवल 35 फीसद ही दिसंबर, 2015 तक खर्च किया जा सका है।
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