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जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर भारत व अमेरिका के विशेषज्ञों ने की चर्चा

कार्बन कैप्चर कार्बन डाइआक्साइड को वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले अवशोषित कर रहा है और इसे सदियों या सहस्त्राब्दियों तक संग्रहीत कर रहा है। यह विचार-विमर्श विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिकी ऊर्जा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में किया गया।

By Monika MinalEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:30 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:30 AM (IST)
जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर भारत व अमेरिका के विशेषज्ञों ने की चर्चा
जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर भारत व अमेरिका के विशेषज्ञों ने की चर्चा

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और अमेरिका के विशेषज्ञों ने प्रौद्योगिकी-आधारित 'कार्बन कैप्चर' और उपयोगिता समाधानों के जरिये जलवायु परिवर्तन से निपटने की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की है। कार्बन कैप्चर, कार्बन डाइआक्साइड को वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले अवशोषित कर रहा है और इसे सदियों या सहस्त्राब्दियों तक संग्रहीत कर रहा है। यह विचार-विमर्श विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिकी ऊर्जा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में किया गया।

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव एस चंद्रशेखर ने कहा कि ग्लासगो में संपन्न सीओपी-26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत के उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ-साथ महत्वाकांक्षाओं का भी जिक्र किया था। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के जीवाश्म ऊर्जा और कार्बन प्रबंधन कार्यालय (एफईसीएम) की कार्यवाहक सहायक सचिव जेनिफर विलकाक्स ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में मदद के लिए नई प्रौद्योगिकियों के विकास में एक प्रमुख भागीदार है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) सचिव एस. चंद्रशेखर ने कहा कि ग्लासगो में हाल ही में संपन्न सीओपी-26 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत के उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ-साथ महत्वाकांक्षाओं का भी उल्लेख किया था। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के जीवाश्म ऊर्जा और कार्बन प्रबंधन कार्यालय (एफईसीएम) की कार्यवाहक सहायक सचिव जेनिफर विलकाक्स ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में मदद के लिए नई प्रौद्योगिकियों के विकास में एक प्रमुख भागीदार है।


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