कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काम आएगा पोलियो का अनुभव, WHO ने भारत के फैसले का किया स्वागत
डब्ल्यूएचओ ने भारत के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि भारत दूसरे देशों के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ से मिलकर कोरोना वायरस को मात देने में जुटा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत से पोलियो के वायरस को पूरी तरह खत्म करने में सफल रही टीम अब कोरोना के वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गई है। पोलियो की सर्विलांस नेटवर्क का उपयोग कोरोना के मामले में करने के फैसले का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वागत किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जिस तरह भारत ने पोलियो जैसी बीमारी को मात दी थी, कोरोना से निपटने में अब वही रणनीति काम आएगी। ध्यान देने की बात है कि भारत 2014 में पोलियो के वायरस को पूरी तरह खत्म करने में सफल रहा था।
सर्विलांस टीम पूरे देश में है मौजूद
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की मदद से चलाई जा रहे पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उसके वायरस पर नजर रखने वाली सर्विलांस टीम पूरे देश में मौजूद है। वायरस को ढूंढकर उसे खत्म करने में इस टीम के अनुभवों का लाभ अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लिया जाएगा। उनका उपयोग यह देखने में किया जाएगा कि किसी क्षेत्र में कोरोना वायरस कितना फैल चुका है। लव अग्रवाल के अनुसार सरकार कोरोना के खिलाफ देश में मौजूद सभी संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना चाहती है और पोलियो सर्विलांस नेटवर्क को शामिल करना इसी का हिस्सा है।
WHO ने भारत के फैसले की तारीफ की
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम ग्रेबियेसस ने भारत के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि भारत दूसरे देशों के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ से मिलकर कोरोना वायरस को मात देने में जुटा है। जिस तरह से पोलियो के एक-एक मरीज को ढूंढने के लिए डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार साथ आई थीं, ऐसे ही अब कोरोना से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में डब्ल्यूएचओ जो भी स्टाफ है अब वह कोरोना के मामले में सरकार की मदद करेगा।