गिलगित बाल्टिस्तान पर पाक के नापाक इरादों को उजागर करने के लिए ब्रसेल्स में हुई बैठक
कश्मीरी नेताओं ने कहा कि पाकिस्तान अब गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है, जिस पर पाकिस्तान संविधान के अनुसार कोई संवैधानिक जनादेश नहीं है।
ब्रसेल्स, एएनआइ। युनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने ब्रसेल्स में एक सम्मेलन की मेजबानी की। इस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान द्वारा गिलगित बाल्टिस्तान को देश के पांचवें प्रांत के रूप में नामित करने के प्रयासों को उजागर किया, जिसे गैरकानूनी रूप से शामिल किया गया। असल में जो मूल रूप से अविभाजित जम्मू और कश्मीर का एक हिस्सा था।
इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता यूकेपीएनपी के पूर्व अध्यक्ष सिकंदर अब्बास ने की, वहीं जम्मू कश्मीर नेशनल इंडिपेंडेंट एलायंस (जेकेएनआईआईए) के वाइस प्रेसिडेंट अमजद यूसुफ और यूकेपीएनपी के अध्यक्ष शौकत अली कश्मीरी ने अपनी बात रखी। इसके अलावा गिलगित बाल्टिस्तान के कई समूह के नेताओं ने इस कॉन्फ्रेंस में शिरकत की।
शौकत अली कश्मीरी ने इस मौके पर कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), गिलगित बाल्टिस्तान समेत में वर्तमान पिछड़ेपन के लिए पाक सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने पाकिस्तान को 1948 में जम्मू-कश्मीर पर हमला करने के लिए दोषी ठहराया। वहीं संयुक्त राष्ट्र को इस संबंध में भ्रमित करने का भी दोषी उन्होंन पाकिस्तान को ठहराया।
कश्मीरी नेताओं ने कहा कि पाकिस्तान अब गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है, जिस पर पाकिस्तान संविधान के अनुसार कोई संवैधानिक जनादेश नहीं है। पाकिस्तान द्वारा गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्र को कब्जाने के प्रयास में चीन भी उसका साथ दे रहा है। कश्मीरी नेताओं ने कहा कि चीन को यह ध्यान रखना चाहिए कि कश्मीर विवाद सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समस्या है।
जेकेएनआईए के अध्यक्ष महमूद कश्मीरी ने अपने भाषण में इस बात पर रोशनी डाला कि पाकिस्तान तथाकथित आजाद कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कैसे कर रहा है। अन्य पाकिस्तानी जातीय समूहों के नेताओं ने सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के पाकिस्तानी प्रांतों में राज्य समर्थित मानव अधिकारों के उल्लंघन का जिक्र किया।
सम्मेलन के समापन पर एक संकल्प लिया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने सर्वसम्मति से जम्मू-कश्मीर को गिलगित बाल्टिस्तान, आजाद कश्मीर, जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख के क्षेत्रों को एक राजनीतिक इकाई घोषित करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने गिलगित बाल्टिस्तान को पांचवें प्रांत के रूप में घोषित करने के पाकिस्तान के प्रयासों की कड़ाई से निंदा की। उन्होंने चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) और अन्य मेगा परियोजनाओं के निर्माण के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की जिससे गिलगित बाल्टिस्तान के राष्ट्रीय संसाधनों का शोषण किया जा रहा है।
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