हाई कोर्ट की चेतावनी, हल्की जनहित याचिका पर लगेगा भारी कास्ट
हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता ट्राफिक केआर रामास्वामी की याचिका खारिज करते हुए यह चेतावनी दी।
चेन्नई, पीटीआइ। मद्रास हाई कोर्ट ने चेतावनी दी है कि ऐसी हल्की जनहित याचिका (पीआइएल) पर भारी कास्ट लगाया जा सकता है, जो वृहत्तर रूप से लोगों की चिंताओं से नहीं जुड़े हैं। हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता ट्राफिक केआर रामास्वामी की याचिका खारिज करते हुए यह चेतावनी दी।
अपनी याचिका में रामास्वामी ने राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव और गृह सचिव के पास भेजे गए अपने निवेदन का जिक्र किया। उन्होंने राजाजी सलाई से माउंट रोड के अन्ना सर्किल तक सड़क के साथ बैनर लगाने की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। रामास्वामी के वकील ने कहा कि बैनर लगाने की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि बैनरों को हटा लिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी एवं जस्टिस अब्दुल कुद्धोस की प्रथम पीठ ने जनहित याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि याचिका में कोई ठोस सामग्री नहीं है।